गर्म है सट्टा बाजार: सौ लगाओ आठ हजार पाओ – शहर के कई स्थानों पर युवा खड़े होकर लिखते हैं नंबर – संचालक पुलिस से सांठगांठ की बात कहकर ग्राहकों को बुलाता काउंटर तक – प्रतिदिन लाखों का हो रहा वारा-न्यारा, लुट रही जनता, पुलिस बेखबर
फतेहपुर। शहर क्षेत्र में पुलिस की लचर कार्यप्रणाली के चलते एक ठाकुर साहब अपना कालर टाइट करके इन दिनों आनलाइन सट्टा बाजार खुलकर चलवा रहे हैं, या यूं कहा जाये कि गर्म है सट्टा बाजार, सौ लगाओ आठ हजार पाओ। ठाकुर साहब ने शहर के कई मुहल्लों को अपना ठिकाना बना रखा है। जहां युवाओं को कुछ पैसे देकर नंबर लिखने के लिए खड़ा किया जाता है। दिन भर यह युवा ठाकुर साहब के इशारे पर गरीबों से पैसे लेकर नंबर लगाते हैं और निर्धारित समय पर आनलाइन नंबर खुलते हैं। जिसमें सिर्फ एक व्यक्ति को रूपये मिलते हैं और शेष सटोरियों के हाथ खाली हो जाते हैं। यह ठाकुर साहब पुलिस से सांठगांठ की बात कहकर ग्राहकों को काउंटर तक बुलाते हैं। प्रतिदिन शहर क्षेत्र में लाखों रूपयों का वारा-न्यारा हो रहा है। खुलेआम जनता लुट रही है और पुलिस आंखों में पट्टी बांधे बैठी हुई है।
बताते चलंे कि प्रदेश की सत्ता पर जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे तो लोगों मंे आस बंधी थी कि अब जुर्म जरायम कम हो जायेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। आज भी भ्रष्टाचार हावी है और खुलकर सट्टे की दुकानें भी संचालित हो रही हैं। सट्टा कारोबार से जुड़े लोगांे की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कमर तो तोड़ी थी लेकिन सट्टा कारोबार से जुड़े लोगों ने एक नया पैतरा अख्तियार कर लिया है। अब पर्ची में नंबर लिखकर दिया जाता है और उक्त नंबर के खुलने की आस में सट्टा लगाने वाला समय का इंतजार करता है, लेकिन जब नंबर खुलता है तो उसके हाथ खाली रह जाते हैं। सूत्रों के अनुसार यह सट्टा कारोबार शहर क्षेत्र के अंतर्गत किराये के कमरे में रह रहे एक ठाकुर साहब चलवा रहे हैं। ठाकुर साहब अपनी पहुंच को ऊपर तक बताते हैं और कहते हैं कि उनके रिश्ते बड़े-बड़े नेताओं से हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ठाकुर साहब ने बकायदा अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए स्थान चिन्हित किए हैं। शहर के आबूनगर पठान मुहल्ला, तुराबअली का पुरवा, बाकरगंज, इमिलियाबाग व पत्थरकटा चौराहा को हब बनाया गया है। इन स्थानों पर संचालकों की नियुक्ति भी की गई है। इसके अलावा कुछ युवाओं को भी इस धंधे में शामिल किया गया है। युवाओं को कुछ पैसों का लालच देकर दिन भर इन अड्डों पर खड़ा करवाया जाता है जो बकायदा अपने पास डायरी व पेन लेकर खड़े होते हैं और सट्टा लगाने वाले लोग पैसे लेकर उनके पास पहुंचते हैं। यह सट्टा कारोबार आनलाइन बाजार पर टिका हुआ है। अपने पसंदीदा नंबर पर सट्टा लगाया जाता है और नंबर को चुनने के एवज में सौ रूपये संचालक को दिये जाते हैं। संचालक सौ के बदले आठ हजार रूपये का लालच गरीबों को दे रहा है। सूत्रों की माने तो यह नंबर चौबीस घंटे में चार बार खुलते हैं। पहला नंबर शाम छह बजे, दूसरा नंबर नौ बजे रात, तीसरा नंबर बारह बजे व चौथा नंबर सुबह साढ़े पांच बजे खुलता है। नंबर खुलते ही सट्टा लगाने वाले लोग मोबाइल नंबर के माध्यम से अपने-अपने नंबर की जांच-पड़ताल करते हैं और उनके हाथ खाली के खाली रह जाते हैं। सिर्फ एक व्यक्ति का ही नंबर खुलता है जिसे संचालक पैसा पहंुचाने का काम करते हैं। इस तरह से प्रतिदिन शहर क्षेत्र में लाखों रूपये का वारा-न्यारा हो रहा है। ठाकुर साहब दिन-दूना रात चौगुना कमाई कर रहे हैं और इसकी भनक पुलिस तक भी नहीं पहुंच रही है। जिससे यह ठाकुर साहब सीना ठोंक कर सट्टे का कारोबार संचालित कर रहे हैं।