प्रतापगढ़ से संतों ने भरीं हुँकार,शंकराचार्य के आह्वान पर कल निकलेंगी आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा

रोहित सेठ

 

 

 

वाराणसी।    परमपूज्य परमाराध्य परमधर्माधीस उत्तरामनाय ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 बद्रिकाश्रम के निर्देश पर काशी के ज्ञानवापी मंदिर में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर भूत भावन भोलेनाथ की सांकेतिक डोली यात्रा यात्रा

कल 22-7-2023 शनिवार पुरुषोत्तम मास कृष्ण पक्ष की की पंचमी को प्रतापगढ़ बलीपुर माँ दुर्गा मंदिर से तीन बजे से आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार के नेतृत्व में आदि विश्वेशर की डोली रथ यात्रा निकाली जाएगी।

ज्ञानवापी में पूर्व काल में विराजमान आदि विश्वेश्वर प्रभू विश्वनाथ जिनका प्राकट्य 16 मई 2022 सोमवार वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को न्यायालय के आदेश पर कैमरे की निगरानी में माननीय न्यायालय द्वारा घोषित कमेटी के सर्वेक्षण के समय ज्ञानवापी के वजूखाने के कुएं मे एक आदि विश्वेश्वर का शिव लिंग मिला। लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जानें के बाद भी आदि विश्वेश्वर भगवान का पूजा पाठ राग भोग नहीं हो पा रही हैं जिसमें मर्माहत परमाराध्य परमधर्माधीस उत्तरामनाय ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने पूरे भारतवर्ष मे आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा निकालने का निर्देश दिया है। तथा भारतवर्ष के प्रत्येक गाँव व सहर मोहल्ले से एक एक निःशुल्क शिव लिंग सहित 11 लाख शिव लिंग की स्थापना काशी में स्थापित कर प्रतीक पूजा अर्चना काशी के विद्वान पण्डितों के हाथ से कराने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में आज विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने कहा कि तत्काल भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना व राग भोग का अधिकार जनहित एवं जनकल्यार्थ भगवान के पूजन का अधिकार धर्मावलम्बियों को प्रदान किया जाए।

उक्त जानकारी धर्माचार्य धर्मगुरू ओमप्रकाश पाण्डेय अनिरुद्ध रामानुजदास ने दी ज्योतिषाचार्य आलोक रिषिवेस,आचार्य संजय शांडिल्य सहित संत महात्मा उपस्थित रहे

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