लखनऊ में तेजी से बढ़ रहा आई फ्लू, मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी के चलते कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन बढ़ा; पढ़े पूरी ख़बर
लखनऊ में बारिश के साथ प्रदेशभर में आंख की समस्या से जूझ रहे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आंखों में वायरल और बैक्टीरियल दोनों तरह के इन्फेक्शन देखने को मिल रहे हैं। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी हैं।
आंख के ज्यादातर रोगी कंजक्टिवाइटिस की चपेट में हैं। अहम बात यह हैं कि बड़ी संख्या में बच्चे इसकी जद में आ रहे हैं। यही कारण हैं कि एक्सपर्ट्स बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करने पर जोर दे रहे हैं।
SGPGI लखनऊ की डॉ. रचना अग्रवाल का कहना है,”आमतौर पर मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी से कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाता हैं। इस बार हर साल से कुछ ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। पीजीआई जैसे टर्शियरी केयर यानी गंभीर रोगों के आयुर्विज्ञान संस्थान में भी रोजाना OPD में मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इससे पहले सप्ताह भर में औसतन एक या दो मरीज आते थे, पर अब संख्या बढ़ी हैं। राहत की बात यह कि समय से दवा लेने वाले इन मरीजों को तत्काल राहत भी मिल जाती हैं। वही, लापरवाही बरतने पर यह समस्या गंभीर रुख ले लेती हैं।
डॉ. रचना अग्रवाल कहती हैं, इस बार ज्यादातर बच्चे और युवा लोग ही इसकी चपेट में आए हैं। हालांकि कंजक्टिवाइटिस किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता हैं। परिवार में यदि कोई एक इसकी चपेट में आ गया तो बाकी सदस्यों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत हैं।
डॉ. रचना ने बताया, कंजक्टिवाइटिस होने का कारण बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन भी हो सकता हैं। दोनों के लक्षण में थोड़ी भिन्नता भी हैं। यदि आंखों में सूजन और लालिमा ज्यादा हैं, तो इसे बैक्टीरियल इंफेक्शन कहेंगे। वहीं वायरल इंफेक्शन ज्यादा गंभीर होने पर कॉर्निया को भी डैमेज कर सकता हैं। यही कारण हैं कि ऐसे इंफेक्शन के इलाज में लापरवाही नही बरतनी चाहिए।
डॉ. रचना अग्रवाल कहती हैं, कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन होने पर यदि आंखों में धुंधला दिखाई देने लगे तो बिना देरी किए एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ये लक्षण केरेटो कंजक्टिवाइटिस के हो सकते हैं। इसमें समय से इलाज न किया गया तो कॉर्निया के डैमेज होने के चांस रहते हैं। इसके अलावा वायरल इंफेक्शन होने के कारण मरीज को बुखार, सिर दर्द जैसी अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
पहले कंजक्टिवाइटिस होने पर 5 से 7 दिन का समय ठीक होने में लगता था पर अब 2 से 3 दिन में आराम हो रहा हैं। डॉ. रचना अग्रवाल कहती हैं, नए दवाओं के जरिए कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन में जल्द राहत दिलाई जा सकती हैं। मॉक्सीफ्लोक्सिन और गैटीफ्लोक्सिन जैसे ड्रग्स जल्द राहत देने में काम आ सकते हैं। पर ये दवाएं एक्सपर्ट की ही निगरानी में ले।
पिंक आइज होना अधिकतर वायरल संक्रमण के कारण होने वाली समस्या है। आमतौर पर यह संक्रमण सामान्य उपचारों के माध्यम से ठीक हो जाती है, इसके गंभीर रूप लेने का खतरा कम होता है। आंखें चूंकि शरीर की सबसे नाजुक अंग हैं, इसलिए इसके विशेष देखभाल की जरूरत होती है। यदि आपको एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस की समस्या है तो इसके कारण खुजली होने, आंखों से पानी आने और सूजन का अनुभव हो सकता है।