ताजुल उरफ़ा के कुल शरीफ़ के मौक़े पर हुआ कलीमी एकेडमी का क़याम।
ज़ायरीन के आने का सिलसिला चौथे दिन भी जारी रहा।
(मीरानपुर कटरा)’-ख़ानक़ाह हुसैनिया कलीमिया में उर्स मुबारक के चैथे दिन बुधवार को ताजुल उरफ़ा मसरूरे मिल्लत हज़रत सैयद ख़्वाजा मसरूर अहमद चिष्ती कलीमी रहमतुल्लाहि तआ़ला अलैहि का कु़ल षरीफ़ बाद नमाज़े अस्र बड़े ही अदब व ऐहतराम से जोष व ख़रोष के साथ मनाया गया। जिसमें देष भर से अक़दीदतमंदों व मुरीदीन का भारी हुजूम उमड़ा। दिन भर चादरपोषी व गुलपोषी का सिलसिला जारी रहा। मषहूर ख़ानक़ाहों के सज्जादगान, मदारिस इस्लामियाँ के तलबा व मुदर्रेसीन ने भी षिरकत करके ताजुल उरफ़ा को खिराजे अक़ीदत पेश की।
कुल शरीफ़ के मुबारक मौक़े पर सिलसिला-ए-चिष्तिया के अज़ीम बुज़्ाुर्ग मुजद्दिदे दीन व मिल्लत हज़रत षैख़ कलीमुल्लाह जहाँनआबादी अलैहिर्रहमा की तसव्वुफ़ की मषहूर व मारूफ़, नायाब व नादिर अरबी किताब ‘‘माला बुद्दा’’ का उर्दू तजर्मा का रस्में इजरा उर्स प्रभारी क़ायदे मिल्लत हज़रत सैयद असद अहमद कलीमी ने किया। उर्दू तर्जमा अलजामियतुल चिष्तिा के मुदर्रिस मौलाना जहाँगीर कलीमी मिस्बाही ने हुज़्ाूर साहिबे सज्जादा की निगरानी में किया। यह किताब कलीमी एकेडमी द्वारा छापी गयी है। नवासए मसरूरे मिल्लत सैयद सुहेब अहमद कलीमी अलीग ने हज़रत षेख़ कलीमुल्लाह जहाँनाबाद व मसरूरे मिल्लत की हयात व खि़दमात पर रौषनी डाली।
बाद नमाज़े फ़ज्र र्कुआन ख़्वानी के साथ उर्से कलीमी का आग़ाज़ हुआ सारी रस्में हुज़्ाूर साहिबे सज्जादा पीरे तरीक़त हज़रत अल्लामा सैयद मसऊद अहमद कलीमी चिष्ती क़ादरी की सरपरस्ती में अदा की गयीं। मुल्क के प्रसिद्व क़व्वाल हज़रात राजू मुरली, ज़ीषान फ़ैज़ान, सरफ़राज़ रामपुर, निज़ाम मीर कलियर शरीफ़, मासूम, राजा कलीमी, दानिश मोनिस रामपुर, आक़िल निज़ामी रामपुर, गुलाम वारिस देवा व दर्जन भर कव्वालों ने अपने साथियों के साथ कलाम पेष करके मुरीदीन में समाँ बांध दिया। अंत में हुज़्ाूर साहिबे सज्जादा ने मुल्क में अमन व षांती व क़ौम की ख़ुषहाली के लिए दुआ की।
उर्स प्रभारी क़ायदे मिल्लत हज़रत सय्यद डा0 असद अहमद कलीमी ने बताया कि कलीमी एकेडमी के ज़ेरे एहतमाम सिलसिला कलीमियाँ के बुज़्ाुर्गो की अरबी, फ़ारसी, उर्द आदि की नादिर व नायाब किताबों को छपवाने का काम किया जायेगा जिससे क़ौम में बेदारी पैदा हो और बुज़्ाुर्गा के बताये हुये तरीक़े पर ज़िंदगी गुज़ार कर दीन व दुनियाँ की भलाई हो सके।
कुल षरीफ़ मेें प्रमुख रूप से दरगाह हाफ़िज़ मियाँ षाहजहाँपुर के सज्जादानषीन, खानकाहे फ़रीदिया रजबपुर षरीफ़ के सज्जादा नशीन हज़रत ख्वाजा राषिद फ़रीदी, दामादे मसरूरे मिल्लत सैयद मुजीब अहमद, फ़ख़रे अली, अनवर जमाल कलीमी, षहज़ादए साहिबे सज्जादा सैयद चिश्ती मियाँ, मौलाना सद्दाम हुसैन जामियातुर्रज़ा बरेली षरीफ़, मुफ़्ती इकरामुल हक़ मिस्बाही कलीमी झारखण्ड शैख़ुल हदीस ग़रीब नवाज़ मिशन बंगाल, मौलाना नूरूल इस्लाम मालदा, मुफ़्ती जुबैर रज़वी मुर्षिदाबाद, मौलाना मोईनुल हसन, मौलाना गुलाम अम्बिया, मौलाना ज़ियाउल हक़ अमजदी, मौलाना जहाँगीर कलीमी, मुफ़्ती गुलाम हाषमी, मुफ़्ती मुहर्रम, हाफ़िज़ मुजाहिद रज़ा, मौलाना गुलाम मुहम्मद, मौलाना अब्दुल करीम,ँ हाजी सग़ीर खान फ़्रूट वाले, मास्टर मक़बूल अंसारी पूर्व प्रवक्ता डायट, सग़ीर ख़ाँ डभौरा वाले, डा0 फ़ैज़ान खाँ, सय्यद ऐजाज़ अली, मिर्ज़ा आफ़ाक़ बेग, सैयद गुलज़ार अली, सैयद लारैब उमर, मो0 षाहिद, गुलाब, सैयद मोही उद्दीन। आदि लोग मौजूद रहे।
उर्स की व्यवस्थाओं में मिर्ज़ा अजी़म बेग, अफ़रोज़ अली, मिर्ज़ा तौहीद बेग, मिर्ज़ा इलियास बेग, ज़्ाुबैर खान, ज़फर अंसारी उर्फ टाईगर, फ़ैज़ खान, फ़ैज़ान बेग, षाहिद अली, सुर्रा अंसारी, अजीजुर्रहमान अंसारी, फुंदन खाँ कलीमी, षरीफ़ अहमद अंसारी कलीमी, यूनुस खाँ पत्रकार, षैज़ खाँ, मास्टर वली उल्ला, सलीम ज़मा खान, असलम सिद्दीक़ी, मास्टर वली उल्ला, रईस ख़ाँ, इदरीस अंसारी, इक़बाल खाँ, आदि का विशेष सहयोग रहा।
उर्स प्रभारी सैयद असद अहमद कलीमी ने बताया कि कुल शरीफ़ की रस्म सुबह 7 बजे से प्रारम्भ होकर सुबह 9ः30 बजे हज़रत ख़्वाजा मुहम्मद हुसैन उर्फ़ दूल्हा मियाँ कलीमी रहमतुल्लाहि अलैह का कुल षरीफ़ होगा और बाद नमाज़े मग़रिब रस्में सन्दल व गुस्ल शरीफ़ के साथ उर्स सम्पन्न होगा।