सुप्रीम कोर्ट: मौत की सजा में फांसी देना ज्यादा दर्दनाक, नया तरीका तय करने के लिए सरकार बनाएगी विशेषज्ञ पैनल

 

दिल्ली:  मौत की सजा देने के लिए फांसी की जगह अन्य तरीका अपनाने की मांग की जा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया कि अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मौत की सजा का तरीका तय करने के लिए विशेषज्ञ पैनल बनाने की मांग की है। केंद्र की तरफ से पेश हुईं वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ को इस बात की जानकारी दी।

 

वकील ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर विशेषज्ञ पैनल बनाने की मांग की है। वकील माथुर ने बताया कि अटॉर्नी जनरल अभी उपलब्ध नहीं है और बाहर गए हैं। ऐसे में अभी इस मुद्दे पर सुनवाई टाल दी जाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी। बता दें कि साल 2017 में वकील ऋषि मल्होत्रा ने याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि मौत की सजा के लिए फांसी देने के तरीके पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि यह दर्दनाक तरीका है।

 

याचिका में मांग की गई कि मौत की सजा के लिए अन्य तरीकों जैसे जहर का इंजेक्शन देने, गोली मारने, बिजली का झटका देने या गैस चैंबर में बंद करके मारने जैसे तरीकों पर विचार किया जाए। याचिका में कहा गया कि फांसी की सजा के दौरान कैदी की शुचिता खत्म हो जाती है, जो मौत के बाद भी कायम रहनी चाहिए। याचिका में कहा गया कि अमेरिका के 36 राज्यों में पहले से ही मौत की सजा के लिए फांसी देने पर रोक लग चुकी है। इसी साल 21 मार्च को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा का तरीके की जांच के लिए विशेषज्ञों का पैनल बनाया जाना चाहिए। इस पर केंद्र ने विशेषज्ञ पैनल गठित करने की बात कही थी।

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