बिहार के कटिहार में बिजली कटौती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बुधवार को पुलिस ने फायरिंग कर दी। तीन को गोली लगी, एक की मौके पर ही मौत हो गई। बुधवार देर रात दूसरे व्यक्ति ने भी दम तोड़ दिया। जबकि एक घायल है।
कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान मौजूद पुलिसकर्मी कह रहे हैं कि गोली आत्मरक्षा में चलाई गईं। घटना की हाई लेवल जांच होगी। डीएम रवि प्रकाश का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छचना गांव के मो. खुर्शीद (22) और बारसोई के सोनू भगत (22) ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।छोगरा गांव का मो. नियाज (32) घायल है। सोनू की मां ने कहा- हमें मुआवजा नहीं, इंसाफ चाहिए। हम मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इंसाफ मांगने जाएंगे।
मृतक सोनू के पिता मानिकचंद साह ने कहा कि सोनू के बड़े भाई मोनू कुमार साह की 2 महीने पहले ही बिजली ऑफिस में डाटा ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगी थी। बुधवार को जब प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की तो मोनू ऑफिस में छिप गया। उसने यह बात हमें फोन पर बताई।
इसके बाद मेरा मंझला बेटा सोनू और छोटा बेटा उदित कुमार बड़े भाई को भीड़ से बचाने गए। दोनों बिजली ऑफिस पहुंचे इतने में ही पत्थर चलने लगे। फिर पुलिस ने फायरिंग कर दी। इसी दौरान मेरे बेटे सोनू के सिर में गोली लग गई। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सोनू की मां रेखी देवी ने कहा- मेरे बेटे की क्या गलती थी, वो प्रदर्शन करने के लिए नहीं गया था। वह अपने बड़े भाई मोनू को लेने गया था। जो प्रदर्शन में शामिल भी नहीं था। आखिर सोनू को पुलिस ने गोली क्यों मारी। क्यों मेरे बेटे को छीन लिया गया। इसके जिम्मेदार जो भी हैं, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले। मुझे मुआवजा में पैसा नहीं चाहिए। मुझे यहां से इंसाफ नहीं मिला तो मैं सीएम नीतीश कुमार के पास जाऊंगी। नीतीश कुमार मुझे इंसाफ दें।
खुर्शीद के पिता मो. मसिउर रहमान को गांव के लोगों ने फोन पर जानकारी दी कि उसके बेटे को गोली मार दी गई है। बेटे का खून से लथपथ शव देख पिता फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि बेटा सुबह घर में कहकर गया था कि मैं बिजली के लिए हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने जा रहा हूं। किसे पता था कि वहां उसे गोली मार दी जाएगी।
फायरिंग के बाद आक्रोशित भीड़ ने सड़क जाम कर आगजनी की। पांच थानों की पुलिस और जिला पुलिस बल मौके पर पहुंची। फिलहाल मौके पर डीएम रवि प्रकाश और एसपी जितेंद्र कुमार कैंप कर रहे हैं। देर शाम तक प्रदर्शनकारी बारसोई अनुमंडल कार्यालय के पास सड़क जामकर प्रदर्शन कर रहे थे।
अनियमित बिजली आपूर्ति और कटौती के खिलाफ बुधवार को 29 पंचायतों के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बारसोई अनुमंडल कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। सुबह करीब 4 घंटे तक प्रोटेस्ट शांतिपूर्ण चला। दोपहर करीब 1:45 बजे भीड़ बिजली ऑफिस के अंदर घुस गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन भीड़ और उग्र हो गई। वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
पथराव शुरू होते ही पुलिस ने 2 बजे पहली गोली चलाई, जो भीड़ में शामिल मोहम्मद खुर्शीद के गले में जाकर लग गई। इस दौरान उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी गोली वहां खड़े सोनू साह के सिर में लगी और तीसरी गोली एक युवक के सीने में जा लगी। तीनों को गोली लगने के करीब 28 मिनट बाद एम्बुलेंस मंगाई गई।
बारसोई अनुमंडल 30 पंचायतों का अनुमंडल है। इन 30 पंचायत के गांवों में लोगों का कहना है कि बिजली की काफी समस्या है। बारसोई के स्थानीय निवासी शाकिर आलम ने बताया कि हमारे पंचायत में औसतन 8 घंटे बिजली रहती है, लेकिन वोल्टेज इतना लो रहता कि हमलोग अपना फोन तक चार्ज नहीं कर पाते। कभी-कभी तो 24 घंटे बिजली नहीं आती।
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता विभाष कुमार ने बताया कि 50 मेगावाट बिजली की जरूरत है, पर 25 से 30 मेगावाट ही आपूर्ति हो रही है। इस वजह से इलाके में लोड शेडिंग के जरिए ही बिजली आपूर्ति की जाती है। 2 दिन पहले 1.30 लाख केवी के तारों को दुरुस्त किया जा रहा था। इसलिए आपूर्ति में दिक्कत आ रही थी।
बिजली की समस्या से परेशान होकर लोगों ने 22 जुलाई को जिला प्रशासन को आवेदन देकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी। प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति दी थी। जिसके बाद स्थानीय लोग 26 जुलाई को वहां जुटे थे।