रोहित सेठ
वाराणसी अर्दली बाजार में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा का आज सप्तम दिवस वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज के द्वारा भगवान कृष्ण के 16108 विवाहों के बारे में विस्तार से वर्णन किया मुख्य रूप से भगवान कृष्ण की 8 पटरानी भौमासुर नामक दैत्य के यहां से भगवान ने 16100 कन्याओं को बंधन से मुक्त किया जैसे ही भगवान ने कारागृह से मुक्त किया उन्हें आदेश किया अपने घर जाओ 16100 राजकुमारियां भगवान से प्रार्थना करती हैं हे गोविंद आप भक्तवत्सल हो हमारे जीवन में कलंक लग चुका है हमारे ना माता-पिता और ना कोई दूसरा हमें स्वीकार कर सकता है भगवान ने इच्छा पूछी सभी राजकुमारियों ने भगवान से प्रार्थना किया कि आप हमसे विवाह कर ले भगवान उनके इच्छा पूर्ण करने के लिए एक मुहूर्त में 16100 रूप धारण करके विवाह संपन्न किया आगे चलते हुए भगवान कृष्ण कुरुक्षेत्र में जाकर के यज्ञ किया माता देवकी को मृत पुत्रों को स्तनपान कराया माता देवकी की इच्छा थी जो कंस के द्वारा छह पुत्रों का वध हुआ मैं उन्हें स्तनपान नहीं करा पाई मेरी इच्छा पूर्ण कैसे हो भगवान ने उनकी इच्छा को पूर्ण किया सुदामा जिसे भगवान कृष्ण की मित्रता के बारे में विस्तार से वर्णन किया जीवन में मित्र कैसा होना चाहिए यह कथा के माध्यम से हम ज्ञान प्राप्त किए मित्र वही है जो सुख और दुख में साथ दें मित्र के अंदर स्वार्थ भाग नहीं होना चाहिए आगे चलते हुए फूल होली का भक्तों ने आनंद लिया कथा का विश्राम होगा 26 तारीख को भंडारे का आयोजन है जितेंद्र पांडे राजेंद्र पांडे इशांक अभय नारायण शशांक आदि भक्तजन मौजूद रहे