उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के वकील विजय मिश्रा को पुलिस ने लखनऊ के होटल से किया गिरफ्तार 

 

लखनऊ: माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शनिवार देर रात लखनऊ के एक होटल से उनको पकड़ा गया है। विजय मिश्रा पर आरोप हैं कि उमेश पाल हत्याकांड के दिन, यानी 24 फरवरी को कोर्ट से उमेश की लोकेशन अशरफ और असद के साथ शेयर की थी।

लखनऊ के होटल में प्रयागराज पुलिस की दबिश के बाद पहले सूचना आई कि अतरसुइया थाने में एक फर्नीचर व्यवसायी से 3 करोड़ की रंगदारी मांगने के दर्ज केस में पुलिस विजय मिश्रा से पूछताछ कर रही है। मगर कुछ देर बाद प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से आधिकारिक बयान में विजय मिश्रा पर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने की पुष्टि की गई।

सूत्रों के मुताबिक, विजय मिश्रा के शनिवार को विभूतिखंड इलाके में एक फाइव स्टोर होटल में रुके हुए थे। यहीं से एसटीएफ की मदद से पुलिस ने उनको पकड़ा है। धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश मौर्य और अतरसुइया इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव ने विजय मिश्रा को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, विजय मिश्र उमेश पाल हत्याकांड और 3 करोड़ की रंगदारी मामले में वांटेड थे। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने एसटीएफ से विजय मिश्र की लोकेशन ट्रेस करने और पकड़ने में मदद मांगी। विजय मिश्रा की लोकेशन ट्रेस की गई तो वह लखनऊ मिली।

इस इनपुट के बाद प्रयागराज पुलिस ने शनिवार रात 11 बजे होटल से उनको पकड़ लिया। विजय मिश्र के जूनियर एडवोकेट हिमांशु कुमार ने बताया कि सभी पुलिस वाले सादी वर्दी में आए थे। रात करीब 11 बजे उन्हें अपने साथ ले गए हैं। कहां ले गए हैं। यह क्लीयर नहीं है।

अतीक के वकील खान सौलत हनीफ ने उमेश पाल के मर्डर के बाद पुलिस की पूछताछ में वकील विजय मिश्र का नाम लिया था। कहा था कि उसने ही उमेश की कचहरी से लोकेशन शेयर की थी। सौलत ने आरोप लगाया था कि हत्या वाले दिन उमेश के कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिए दी थी।

23 मई 2023 को अतरसुइया थाने में दरियाबाद निवासी व्यवसायी सईद अहमद ने FIR दर्ज कराई थी। लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने FIR में पुलिस को बताया था कि उसकी मुट्ठीगंज में प्लाईवुड की दुकान है। 5 जनवरी 2023 को विजय मिश्र लगभग 1.20 लाख की प्लाई और माइका उधार ले गए थे। 17 अप्रैल 2023 को कर्मचारी शेखर ने जब उन्हें फोन करके बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा तो उन्होंने गालियां दीं और धमकाया।

20 अप्रैल को विजय मिश्रा ने सईद को फोन किया और अतीक अहमद, उसके गुर्गों के नाम पर 3 करोड़ की रंगदारी मांगी। न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले में सईद ने पुलिस को 57 सेकेंड का ऑडियो भी विजय मिश्र का सौंपा था। उसमें विजय तीन करोड़ रुपए की बात कर रहे हैं। इसी मामले में पुलिस विजय की तलाश कर रही थी। विजय मिश्रा पर कई जिलों में 7 मुकदमे दर्ज हैं।

एडवोकेट विजय मिश्रा, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का नजदीकी माना जाता है। अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद, जब सभी वकीलों ने अतीक के केस को हाथ में लेने से मना कर दिया था। तब विजय मिश्रा ही, सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक केस फाइल कर रहे थे। आपको बता दें कि अतीक और अशरफ के मर्डर के बाद मौके पर वकील विजय मिश्रा ही पहुंचे थे। उनके अलावा कोई भी काल्विन अस्पताल नहीं पहुंचा था।

विजय मूल रूप से करेली के रहने वाले हैं। वो प्रयागराज के जिला एवं सत्र न्यायालय में पिछले 1 दशक से वकालत कर रहे हैं। खान सौलत हनीफ, अतीक अहमद के हाईकोर्ट में जाने वाले केस देखते थे, जबकि विजय मिश्रा लोअर कोर्ट में केस देख रहे थे।

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