वाराणसी पहुंचीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सावन के चौथे सोमवार पर ज्ञानवापी में जलाभिषेक करने की कोशिश की। उन्हें ऐसा करने से पुलिस ने रोका तो महामंडलेश्वर ने काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर खुद का जलाभिषेक कर लिया। इससे पहले हाथ में त्रिशूल लेकर बीच सड़क तांडव नृत्य किया। उनके साथ आए लोगों ने हर-हर महादेव का जयघोष किया।
महामंडलेश्वर ने कहा कि मैं संकल्प लेती हूं कि जब तक ज्ञानवापी मंदिर नहीं बनता, काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि अभी तक ज्ञानवापी का गुंबद गिरा क्यों नहीं।
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी शिवलिंग अर्धनारीश्वर मुक्त हों। यह प्रण लेती हूं कि जबतक आदि विश्वेश्वर शिवलिंग अर्धनारीश्वर ज्ञानवापी से मुक्त नहीं होंगे तब तक काशी विश्वनाथ मंदिर को कॉरिडोर से ही प्रणाम करूंगी। मेरी कामना है कि मैं ज्ञानवापी अर्धनारीश्वर शिवलिंग की पूजा करूं
महामंडलेश्वर और देश की पहली किन्नर भागवताचार्य हिमांगी सखी सोमवार को दशाश्वमेध घाट पहुंचीं। यहां से गंगा जल लेकर ज्ञानवापी जाने के दौरान सुरक्षा के लिहाज से हिमांगी सखी को काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर रोक लिया गया। ज्ञानवापी में आदि विशेश्वर के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की बात कहते हुए महामंडलेश्वर अंदर जाने की जिद करने लगीं।
जब सुरक्षा में लगे जवानों ने उन्हें ज्ञानवापी में जाने की अनुमति नहीं दी तो उन्होंने खुद पर ही जलाभिषेक करा लिया। हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है।