धमाके से मानवता के भी उड़े चीथड़े, अस्पताल में इलाज मिला न स्ट्रेचर

कानपुर के कल्याणपुर खुर्द में चौकी से एक किलोमीटर दूर स्थित लखनऊ में तैनात इनकम टैक्स अफसर के मकान में सोमवार तेज धमाका हो गया। धमाका इतना तेज था कि मोहल्ला दहल उठा, वहीं आसपास के मकानों के शीशें चटक गए। हादसे में कमरे की सफाई कर रही महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। सूचना पर फोरेंसिक और बम निरोधक दस्ते की टीम संग मौके पर पहुंचे डीसीपी पश्चिम व एसीपी कल्याणपुर ने साक्ष्य एकत्रित किए। वहीं मकान को सील करने के साथ ही घायल महिला को उपचार के लिए सीएचसी कल्याणपुर में भर्ती कराया है। कल्याणपुर के खुर्द में इनकम टैक्स में तैनात प्रेम सिंह का मकान है। इसकी देखरेख उनका बेटा लकी सिंह करता है। पुलिस के अनुसार तीन दिन पहले राजमिस्त्री का काम करने वाले नारायण बाबू और उसकी पत्नी मानसी मकान देखकर गए थे। मकान मालिक से किराये की बात होने और एडवांस देने के बाद सोमवार को मानसी मकान की चाभी लेकर घर की सफाई करने आई थी।

सफाई के दौरान बाथरूम के पास एक बोरी रखी थी। वजनी बोरी को किसी तरह उठाकर गेट के करीब पहुंची और जैसे ही बोरी को जमीन पर पटका, तेज धमाका हो गया। बंद मकान में धमाका होते ही आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए। धमाके की चपेट में आने से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

मौके पर पहुंची फील्ड यूनिट में घटना स्थल से साक्ष्य के रूप में छर्रियां, पुराने कागज के टुकड़े और बारूद के अंश जुटाए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार के धमाका इतनी तेज था कि घर के शीशे तक टूट गए। दीवारों का छोटे-छोटे निशान पड़ गए। ऐसे में बोरी में अधिक तिव्रता के हथगोले होने की आशंका जताई जा रही है।
महिला ने पुलिस को बताया कि बोरी में कुछ ऊपर तक भरा हुआ था। वहीं, फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनुसार दिवाली के पटाखों में छर्रियां नहीं होती हैं। इन हथगोला को घर में क्यों रखा गया था, यह पता लगाने के लिए पुलिस जांच में जुटी हुई है।
मामले की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में बारूद का धमाका है, इस बारूद का इस्तेमाल पटाखा बनाने में किया जाता था। मकान मालिक और पुराने किराएदारों के बीच बोरी किसकी थी? इसकी जांच की जा रही है। इसके साथ ही मकान के प्रथम तल पर रह रहे किरायेदार से पूछताछ जारी है।
कल्याणपुर खुर्द में हुए धमाके में महिला मानसी गंभीर रूप से घायल हुई, साथ ही मानवता के भी चीथड़े उड़ गए। घर में अकेली महिला आधा घंटे तक दर्द से कराहती रही। कोई मदद करने नहीं आया। एक शख्स पहुंचा जरूर, लेकिन तन ढंकने के लिए कपड़ा दूर से ही फेंककर चला गया। सूचना पर महिला का पति नारायणबाबू मौके पर पहुंचा।
गमछे से पत्नी के पैर से बह रह खून को रोकने का प्रयास किया। इसके बाद कंधे पर उठाकर पास के नर्सिंगहोम में गया, पर अस्पताल वालों ने न तो प्राथमिक उपचार दिया और न ही स्ट्रेचर।
इसके बाद कंधे पर ही पत्नी को लेकर करीब डेढ़ सौ मीटर पैदल चला। तब जाकर उसे ई-रिक्शे मिला और फिर पत्नी को सीएचसी ले गया। प्राथमिक इलाज के बाद उसे हैलट भेजा गया।
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