डॉक्टर बनने गये बेटे की घर आई लाश…पिता बोले- बेटे को ट्रुथ एंड डेयर गेम में मौत का टास्क दिया, साजिश कर उसके दोस्तों ने की हत्या

 

रामपुर का 18 साल का मनजोत राजस्थान के कोटा में नीट की तैयारी करने गया था। अभी उसको घर से गए 4 महीने ही हुए थे। मनजोत डॉक्टर बनना चाहता था। अपने समुदाय और गरीब लोगों की सेवा करना चाहता था। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि जिस हॉस्टल के कमरे में मनजोत डॉक्टर बनने के सपने देख रहा था, वहीं पर उसका शव मिला।

जिस बेड पर बैठकर वो पढ़ाई करता था, उसी बेड पर उसका हाथ बंधा और मुंह में पन्नी लिपटा शरीर पड़ा हुआ था। जिन दीवारों पर उसने अपने पढ़ाई के नोट्स चिपका रखे थे, वहीं पर उसने सॉरी क्यों लिखा?

नजोत के घर वाले उसके दोस्त लक्ष्य खन्ना पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। लक्ष्य भी रामपुर का रहने वाला है। वहीं कोटा पुलिस की जांच के अनुसार मनजोत ने सुसाइड किया है। लेकिन, यहां सबसे पहले एक सवाल ये उठता है कि अपने हाथ बांधकर कोई सुसाइड कैसे कर सकता है?

मनजोत के पिता का कहना है कि मेरे बेटे को ट्रुथ एंड डेयर गेम खेलने के बहाने फंसाया गया है। उसकी हत्या एक साजिश के तहत हुई है। मेरा बेटा मेरे बर्थडे की तैयारी कर रहा था। लेकिन, बर्थडे के एक दिन पहले ही उसकी हत्या कर दी गई।

बता दें, मनजोत के पिता हरजोत ने लक्ष्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करवाया है। बेटे की डेडबॉडी लेकर रामपुर पहुंचे पिता  ने बातचीत की। गमजदा माहौल में पिता ने एक-एक कर सारी दास्तां सुनाई…।

कोटा में 3 अगस्त को सुबह 10 बजे के करीब NEET की तैयारी कर रहे मनजोत का शव उसके हॉस्टल के कमरे में ही मिला था। पुलिस कमरे के अंदर पहुंची तो मनजोत के मुंह पर पॉलीथिन बंधी थी। उसके एक हाथ में रस्सी बंधी थी। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला था।

उसमें मौत का जिम्मेदार खुद को बताया गया था। ये मामला कोटा के विज्ञान नगर के ढकनिया का है। मनजोत एलएन कोचिंग में पढ़ता था। वो बासंती रेजेंसी में रहता था। बेटे की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों ने कोटा में प्रदर्शन भी किया था।

पिता हरजोत अपने बेटे की मौत से बहुत दुखी हैं, लेकिन वो उससे भी ज्यादा दुखी बेटे को इंसाफ न मिलने से हैं। हरजोत का कहना है कि उन्होंने बेटे का अंतिम संस्कार तो कर दिया है, लेकिन उसको शांति तभी मिलेगी जब उसको मारने वाले जेल में होंगे। मेरे बेटे के आरोपी को बचाया जा रहा है। कोटा पुलिस, कोचिंग प्रशासन, हॉस्टल प्रशासन सब इसमें मिले हुए हैं। पता नहीं वो लोग क्यों मेरे बेटे के साथ ऐसा कर रहे हैं?

हरजोत बताते हैं, “मेरा बेटा डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए कोटा जाना चाहता था जबकि उसकी मां ने उसको वहां जाने से रोका था। हम लोग चाहते थे वो पढ़ाई के लिए दिल्ली चला जाए लेकिन सुविधाएं अच्छी होने के कारण वो वहां चला गया। हम लोग उसको खुद वहां छोड़कर आए थे। उसका एडमीशन करवाया, रूम सेट करवाया। वहां हमें रामपुर का एक लड़का लक्ष्य खन्ना मिला।

वो रामपुर का था इसलिए हम लोगों की उससे अच्छी जान पहचान हो गई। लक्ष्य की भी उससे दोस्ती हो गई। हम लोग तब ये सोचकर खुश थे कि मनजोत का रामपुर का कोई वहां पर भी मिल गया। लेकिन हमें ये नहीं पता था यही लड़का हमारे बेटे की मौत का कारण बनेगा।

इन दोनों का कमरा भी अगल-बगल था। दोनों साथ में ही सोया करते थे। साथ ही कोचिंग जाया करते थे। पढ़ाई-लिखाई, खाना-पीना सब दोनों का साथ में ही होता था। हम लोग जब भी मनजोत को फोन करते लक्ष्य उसके साथ होता था। हमारा बेटा यहां आकर खुश था। उसने कभी हमसे कोई शिकायत नहीं की। रोज रात में वो हम लोगों से कभी वीडियो कॉल तो कभी नॉर्मल कॉल पर बात करता था। बेटे को देखकर कभी नहीं लगा कि वो परेशान है।

हमेशा अपनी कोचिंग की बातें करता था। बताता था, आज उसने क्या नाश्ता किया, क्या दिन में खाया और रात में डिनर में क्या किया? कभी कहीं घूमने जाता तो वहां की फोटो भेजता। उसको कोटा में कोई दिक्कत थी ही नहीं, फिर हम कैसे मान लें उसने अपनी जान खुद दी है। कोई दिक्कत होती तो किसी को तो पता होता।

हां, 10-12 दिन पहले की बात है, मेरा बेटा बता रहा था कि लक्ष्य अब उसके साथ आता-जाता नहीं है। न ही उससे ज्यादा बात करता है। कोचिंग भी उसको बिना बताए ही चला जाता है। रूम भी कम ही आता है। तब हम लोगों ने बेटे को लक्ष्य से बात करने के लिए बोला था।

हमने उसको समझाया था, हो सकता है लक्ष्य को कोई दिक्कत हो, वो परेशान न हो…ठीक होने पर वो खुद बात कर लेगा। उसके बाद से मेरे बेटे ने हमसे लक्ष्य को लेकर कुछ नहीं बोला था। बस रोज की तरह ही हमारी बात हुआ करती थी।

कुछ दिन पहले मेरे पास मेरे बेटे की एक फोटो आई थी, जिसमें वो एक हाथ में चाकू लेकर दूसरे हाथ की नस काटता हुआ दिख रहा था। फोटो देखकर तो हम लोग डर गए थे। जब हमने ये बात अपने बेटे से पूछी तो उसने बताया वो लोग एक ट्रुथ एंड डेयर गेम खेल रहे थे।

उसी में उसको ये करने के लिए बोला गया था। तभी उसने हाथ की नस काटने का नाटक किया था। हम लोगों ने मनजोत को तब ये काम करने के लिए बहुत डांटा था। दुबारा उससे ये सब करने से मना किया था।”

हरजोत का कहना है, “ये सारे गेम एक साजिश है, मेरे बेटे की हत्या को आत्महत्या दिखाने की। इस फोटो के जरिए मेरे बेटे के हत्यारे ये दिखाना चाहते हैं कि वो पहले भी आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका है। लेकिन ऐसा नहीं है, साजिश के तहत उसकी ये फोटो ली गई है। जो सुसाइड नोट उसके कमरे की दीवार पर चिपका था वो भी उससे इसी गेम में लिखवाया गया और फिर बेटे की हत्या करके उसको चिपका दिया गया।

मेरा बेटा हॉस्टल की बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर रहता था। जब हम लोग उसको यहां छोड़ने आए थे, तब उसके कमरे की सारी खिड़की सही थी। लेकिन उसकी हत्या के बाद जब हम यहां आए तो उसके कमरे की एक खिड़की की जाली टूटी थी। 5वीं मंजिल से कोई भी मेरे बेटे के कमरे में वहां से आसानी से आ सकता है।

अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए मैंने राजस्थान सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। मैंने पीएम को भी पत्र भेजा है। मेरे बेटे की हत्या की स्पेशल जांच होनी चाहिए, ये आत्महत्या नहीं है। मेरा बेटा बहुत स्ट्रांग था, वो सुसाइड नहीं कर सकता था। वो तो देश की सेवा करना चाहता था। कुछ करना चाहता था फिर वो ये कदम क्यों उठाएगा। मेरे बेटे को बेरहमी से मारा गया है।”

जब पुलिस मनजोत के कमरे में गई तो सामने मनजोत का शव बेड़ पर पड़ा था। शव आधा बेड पर था, आधा लटका था। उसके मुंह पर पन्नी लिपटी हुई थी। दोनों हाथ उसकी पीठ के नीचे दबे हुए थे। मनजोत के बेड की चादर सिकुड़ी थी। बेड पर एक कंबल और 2 तकिए रखे थे। बेड पर उसकी कुछ किताबें, पेन और कॉपी रखी थीं। नमकीन के दो पैकेट रखे हुए थे। फोन, पॉवर बैंक और हेड फोन भी वहीं पर पड़े हुए थे। पास में उसकी तौलिया और कपड़े पड़े हुए थे। बॉथरूम का दरवाजा खुला हुआ था।

बेड के पास एक मेज रखी हुई थी, जिस पर उसकी किताबें, पानी की बोतल, पेन, फोन का चार्जर और एक डायरी रखी हुई थी। मेज पर ही चिपकाने वाली चिट की डायरी भी रखी हुई थीं। मेज के बगल में एक छोटी अलमारी रखी थी। जिस पर बालों में लगाने वाला तेल, पॉउडर और कुछ दवाइयां रखी हुई थीं। उसी मेज पर एक नीले रंग का चाकू भी रखा हुआ था।

अलमारी के पास डस्टबिन रखा हुआ था। डस्टबिन के पास ही 3 जोड़ी जूते और बैग पड़ा हुआ था। मेज के ऊपर वाली दीवार पर अलमारी बनी हुई थी। उस अलमारी में किताबें रखी हुई थीं। उसी अलमारी के नीचे एक सुसाइड नोट चिपका हुआ था। जिसमें सॉरी लिखा हुआ था और मौत का जिम्मेदार खुद को बताया गया था। दोस्त और परिवार को परेशान न करने की बात लिखी हुई थी।

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