होली के नजदीक आते ही बाजारों में पहुंचने लगा है नकली खोया व रंग बिरंगी कचरी।
शुकुल बाजार ,अमेठी ।होली के त्यौहार के मद्देनजर शुकुल बाजार कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्र की छोटी बाजारों में भी नकली खोया व प्रतिबंधित रंगों से बनी हुई रंग बिरंगी कचरियां बाजारों की शोभा को बढ़ाने लगी हैं। जिससे आम लोगों की सेहत पर बुरा असर डालने वाले तत्वों को बढ़ावा मिल रहा है। खोए से बनने वाली गुझिया भी इन्हीं मिलावटी खोए से निर्मित की जाएंगी , जिससे आम जीवन को खतरा बना हुआ है अभी से अन्य जनपदों से आए हुए लोग दुकानदारों से संपर्क स्थापित करते हुए अपने माल की बिक्री के लिए बाजार तैयार कर रहे हैं ,चाहे वह मिलावटी खोया हो और चाहे वह रंग बिरंगी मिठाइयां व कचरियां हो ,परंतु इसे देखते हुए भी उच्च अधिकारी इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं । जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन एफएसडीए भी इस और कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है जिससे इन दुकानदारों की चांदी है ।
यदि समय रहते हुए इसे रोका न गया तो ग्रामीण क्षेत्र की भोली-भाली जनता इसी मिलावटी खोए और नकली कचरी खाने को मजबूर हो जाएंगी और अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर लेंगे। विकासखंड के कस्बा सहित जैनम गंज , महोना सत्थिन, किसनी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुली दुकानें प्रतिबंधित रंगों से बनी कचरी व अन्य खाद्य पदार्थ बिक्री के लिए इकट्ठा कर रखे हैं । इसी तरह प्रतिबंधित रंगों एवं नकली रंगों की बिक्री भी धड़ल्ले से शुरू हो चुकी है जो कि शरीर पर लगने के बाद अपना प्रतिकूल असर दिखा रहा है किसी को लाल चकत्ते तो किसी के शरीर में खुजली जैसी बीमारी इन प्रतिबंधित रंगों के लगाने से हो रही है क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी अमेठी से मांग की है कि पूरे जनपद में इसके लिए छापेमारी कराते हुए कड़े प्रतिबंध लगाया जाए जिससे लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ न हो सके।