नई दिल्ली। अंग्रेजों द्वारा लाए गए दशकों पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) में बदलाव के लिए केंद्र सरकार एक अहम विधेयक भारतीय न्याय संहिता (BNS) लेकर आई है। ये विधेयक कई मायनों में खास माना जा रहा है। दरअसल, इसके जरिए सरकार लव जिहाद और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों पर लगाम लगाने की तैयारी में है।
प्रस्तावित कानून में पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने या पदोन्नति और रोजगार के झूठे वादे के तहत यौन संबंध बनाने पर अब 10 साल तक की कैद हो सकती है।
शुक्रवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह में तीन विधेयक पेश किए, जिसमें पहली बार इन अपराधों से निपटने के लिए एक विशिष्ट प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है।अमित शाह ने लोकसभा में 1860 के भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदलने के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक पेश किया और कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। पहली बार होगा जब शादी, रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे और झूठी पहचान के तहत महिलाओं के साथ संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आएगा। वहीं, 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा होगी।
हालांकि, अदालतें पहले भी शादी के वादे के आधार पर दुष्कर्म का दावा करने वाली महिलाओं के मामलों से निपटती हैं, लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
इस विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धोखे से या बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो ऐसा यौन संबंध दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन अब वो अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके लिए दस साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
लव जिहाद दो शब्दों का मेल है। एक अंग्रेजी शब्द लव यानी प्यार और दूसरा अरबी भाषा का शब्द जिहाद। जब एक धर्म विशेष का व्यक्ति दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार में फंसाकर लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देता है तो इसे लव जिहाद कहते हैं।
अब इस बिल में पहचान छुपाकर शादी करने पर सजा मिलने का प्रावधान दिया गया है, जिससे माना जा रहा है कि ऐसे अपराध पर लगाम लग सकेगी।