बरेली में 100 दिन में 5वीं महिला की हत्या का मामला सामने आया है। यह सभी मर्डर 20 किलोमीटर के दायरे में हुए। पाचों को सेम पैटर्न से मारा गया। 5वीं महिला की अर्धनग्न लाश गुरुवार को फतेहगंज वेस्ट के पनवड़िया गांव के जंगल में मिली। उम्र करीब 45 साल रही होगी। महिला की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। हालांकि, लाश के हाथ पर लिखे 2 शब्दों को बरेली पुलिस इंवेस्टिगेशन का मेन क्लू मान रही है। इन्हीं के जरिए महिला की पहचान हो रही है।
जहां डेडबॉडी मिली वह ऐसा जंगल है जहां दिन में भी कोई नहीं जा सकता। दोनों तरफ कटींले तार, वह भी ब्लेड की तरफ पैने। जिस जंगल में लाश मिल वहां जाने का रास्ता कठिन है। साइकिल या बाइक ही मुश्किल से जा सकती है। इससे पहले फतेहगंज वेस्ट थाना क्षेत्र से सटे शाही थाना क्षेत्र में 4 महिलाओं को मौत के घाट उतारा जा चुका है।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बरेली शहर से करीब 20 किमी पहले फतेहगंज वेस्ट थाना पड़ता है। इसी थाना क्षेत्र में हाईवे से 4 किमी दूर पनवड़िया गांव है। यह गांव रामगंगा नदी के किनारे है। गांव का रास्ता कठिन है।
10 अगस्त की सुबह यहां गांव के जगदीश अपने खेत पर पहुंचे, उन्होंने देखा कि खेत के बाहर चकरोड पर एक महिला का शव पड़ा है। वह डर गए और फिर भागकर पास में काम कर रहे किसानों के पास पहुंचते हैं। महिला की लाश होने की सूचना दी।
लोग जुट गए और प्रधान के पति को बताया। डायल-112 पर सूचना दी गई। सूचना पर थाना प्रभारी, सीओ पहुंचते हैं। फिर SP क्राइम मुकेश कुमार और SSP घुले सुशील चंद्रभान भी पहुंच जाते हैं। डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम जांच करती है।
पनवड़ी गांव से भोलापुर रोड की तरफ काली सड़क जाती है, इसी मार्ग से हटकर एक कच्ची चकरोड़ जंगल की तरफ जाती है, इस पर करीब 400 मीटर चलने के बाद महिला का शव मिला था। दोनों तरफ यूकेलिप्टिस के पेड़, बड़ी बड़ी ईंख और धान के खेत। ऐसा जंगल कि दिन में भी कोई नहीं जा सकता। दोनों तरफ कटींले तार, वह भी ब्लेड की तरफ पैने। इस रास्ते सिर्फ साइकिल या बाइक ही मुश्किल से जा सकती हैं।
महिला अर्धनग्न हालत में थी। पास में उसके कपड़े बिखरे थे। शव करीब एक या दो दिन पहले का था। पास में घास पर कोई केमिकल होने के निशान भी पुलिस को मिले। महिला के कानों में कुंडल, पैरों में बिछुए और जामुनी जैसी कलर की साड़ी वह भी अस्त-व्यस्त हालत में। महिला के हाथ पर शांति जगदीश लिखा था। डॉग भी 200 मीटर रास्ते पर ही घूमता रहा। पहचान नहीं होने पर पुलिस 72 घंटे बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराएगी।
45 साल की महिला आसपास के क्षेत्र की नहीं है, वरना शिनाख्त हो सकती थी। कानों में कुंडल देखकर पुलिस लूट के बाद हत्या से इनकार कर रही है। ऐसे में रेप की आंशका जताई जा रही है। लेकिन, कातिलों ने शव को यहां क्यों फेंका। इन सब सवालों पर पुलिस जांच कर रही है।
कहीं महिला को अपहरण कर घने जंगल में बंधक बनाकर तो नहीं रखा, यह भी सवाल ग्रामीणों के जेहन में है। प्रथम दृष्टया पुलिस गला दबाकर हत्या मान रही है। शरीर पर चोट के निशान नहीं थे, जो होंगे भी वह डेडबॉडी के फूलने पर पहचान में नहीं आ रहे थे।
बरेली से 32 किमी. दूरी पर पड़ता है शाही थाना क्षेत्र। यहीं के खजुरिया गांव में 40 साल की महिला कुसमा की लाश मिर्च के खेत में मिली। वह सुबह 7:30 बजे खेत में मिर्ची तोड़ने गई थी। लेकिन उसी खेत में मरी हुई मिली। सड़क किनारे झाड़ियों में कुसमा पेट के बल पड़ी हुई मिली। उसके गले में उसी की साड़ी का फंदा कसा था। हाथ उलटी तरफ मुड़े हुए और ब्लाउज फटा था। गला इतना जोर से जकड़ा हुआ था कि उसकी जीभ बाहर निकल आई थी।
शाही पुलिस थाने के SHO सतेंद्र भड़ाना ने बताया, “मृतका के शरीर को खरोंचा गया, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। कुसमा की हत्या के बाद हमने घरवालों के शक के आधार पर आरोपी राजेश और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अभी दोनों फरार हैं, लेकिन जब तक पूरी विवेचना नहीं हो जाती कुछ भी कहना ठीक नहीं है।”
हत्या की दूसरी घटना शाही इलाके के ही आनंदपुर गांव की है। आनंदपुर की रहने वाली प्रेमवती के पति नत्थूराम की 2021 में मौत हो गई थी। प्रेमवती तीन बेटों के साथ गांव में रह रही थी। 29 जून की दोपहर वह घर से करीब 500 मीटर दूर खेत में चारा लेने गई थी। लेकिन देर रात तक नहीं लौटी। अगली सुबह खेत में उसका शव पड़ा मिला। पहली हत्या की तरह ही प्रेमवती को उसी की साड़ी से गला घोंटकर मारा गया था। लाश पर कपड़ा फटा हुआ मिला। पूरे शरीर में खरोंच के निशान थे।
प्रेमवती की हत्या का मामला दर्ज हुआ। प्रेमवती के परिवार की तहरीर पर पुलिस ने भट्ठे के मालिक समेत 4 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया। लेकिन, जांच में सभी निर्दोष निकले, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
शाही थाना क्षेत्र के कुल्छा गांव की रहने वाली धनवती देवी की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी। वह दवाई लाने बाजार गई, लेकिन फिर कभी वापस नहीं लौटी। परिवार वालों ने उसे खोजना शुरू किया तो 48 घंटे बाद उसकी लाश एक खेत में पेट के बल पड़ी मिली। डेडबॉडी को खेत में पड़े-पड़े काफी समय बीत चुका था। जब घरवालों ने उसे खोजा तो शव का आधा हिस्सा गल चुका था। लेकिन कपड़ों की वजह से धनवती की पहचान हो गई। बाकी महिलाओं की तरह ही धनवती को भी गला दबाकर मारा गया।
पहले पुलिस ने धनवती की मौत को सामान्य बताकर कार्रवाई नहीं की। इसके बाद महिला के पति प्रेमराज मौर्य ने अफसरों से लेकर मानवाधिकार आयोग तक शिकायत की। 30 दिन बाद SSP के आदेश पर शिकायत दर्ज हुई। फिलहाल, पुलिस विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हत्यारे का कोई सुराग नहीं मिला है।
बरेली शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है परतापुर इलाका। 5 मई को यहां खेत में एक महिला की डेडबॉडी मिली। कपड़े फटे हुए थे, पहने हुए जेवर गायब मिले। शव की गर्दन एक तरफ झुकी हुई थी मानो उसकी गला घोटकर हत्या की गई हो। इस केस में बिसरा सुरक्षित रखा गया है।
पांचों हत्याओं की घटना में कत्ल करने का पैटर्न एक जैसा है। जिनमें तीन में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर मारा गया। वह भी गांव के बाहर जंगल में, लेकिन कातिल तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। फोरेंसिक टीम भी साक्ष्य जुटाकर जांच के लिए भेज चुकी है। यह सभी डेडबॉडी जंगल में मिली। जिसमें न तो सर्विलांस सिस्टम से पुलिस को मदद मिली और न ही मुखबिर तंत्र से। जंगल में सीसीटीवी कैमरे का भी पुलिस को सहारा नहीं मिल सकता। ऐसे में कातिल ने वारदात को अंजाम देते समय सेफ गेम खेला।