90 साल के रिटायर्ड सिपाही ने बनावाया पत्नी का मंदिर, लगवाई मूर्ति; सुबह-शाम करते हैं पूजा

 

फतेहपुर में एक रिटायर्ड सिपाही ने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवाया है। दरअसल पत्नी ने अपने आखिरी समय में फोटो खिंचवाने की इच्छा जाहिर की थी। पति ने उसकी यह इच्छा तो पूरी की ही साथ ही मृतक पत्नी की मूर्ति बनवाकर मंदिर में स्थापित कर सुबह शाम पूजा अर्चना करता है। अपने अकेले पन को दूर करने के लिए मंदिर के सामने अपने घर से पत्नी की मूर्ति को देखता रहता और बात किया करता है। गांव के लोगों ने पहले इसका विरोध किया, लेकिन धीरे धीरे सब उसका सम्मान करने लगे हैं।

फतेहपुर जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर खागा तहसील के यमुना कटरी क्षेत्र के एकडला गांव के रहने वाले वंश गोपाल सिंह जो पुलिस में दीवान के पद पर थे। 30 अप्रैल 1993 को रिटायर्ड होने के बाद अपने पत्नी के साथ गांव में रहकर खेती किसानी के साथ परिवार का देखभाल करने लगे।

 

वंश गोपाल सिंह की पत्नी विमला देवी जिनका जन्म 9 मार्च 1940 को हुआ था। उनकी मौत 16 मार्च 2010 के दिन हुई थी। वंश गोपाल सिंह पत्नी के मौत बाद घर के सामने एक मंदिर बनवाकर उसमें पत्नी की एक बड़ी मूर्ति को स्थापित कर सुबह शाम पूजा अर्चना करते हैं।

जब हमारी टीम गांव के अंदर पहुंची तो एक मंदिर के सामने बुजुर्ग कुर्सी पर बैठे मंदिर की ओर देख रहे थे। जब हमने उनसे नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम वंश गोपाल सिंह बताया। जिसके बाद बातचीत में वंश गोपाल सिंह ने बताया कि उनके 6 बच्चे हैं, जिनमें 3 बेटा और 3 बेटी है। सभी की शादी हो चुकी है।

 

वंश गोपाल सिंह ने बताया कि बेटी पूनम सिंह, किरन सिंह, रीता सिंह, बेटा अवधेश सिंह किसान है। प्रमोद सिंह एक इंटर कॉलेज में सरकारी टीचर और विनोद सिंह बीएसएफ की नौकरी पूरी करने के बाद किशनपुर कस्बा में एक दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि वह दो माह बाद 90 साल के हो जायेगे।

मंदिर बनवाकर पत्नी की मूर्ति स्थापित करने के बाद पूजा अर्चना की बात पर कहा कि जब मेरी पत्नी की मौत हुई, तो उसके पहले अपनी फोटो खिंचवाने की इक्षा जाहिर किया था। जिसके बाद पत्नी की फोटो खिंचवाने के बाद जब अंतिम संस्कार कर दिया गया, तो पत्नी विमला की कमी के कारण मन उदास रहता था। जिसके बाद बनारस से पत्नी की मूर्ति बनवाकर 13 अक्टूबर 2010 को मंदिर में स्थापित कर दिया।

 

उन्होंने बताया कि घर के घर पर कोई नहीं रहता है। पत्नी की मूर्ति के सामने सुबह से शाम तक बैठा रहता हूं। पत्नी अक्सर मेरे पास आकर बैठकर बातचीत करती है। मुझे लगता वो मेरे पास में ही बैठी है। मैं सारी मन की बात कर लेता हूं।

आपको बता दें कि रिटायर्ड सिपाही वंश गोपाल 90 साल के होने वाले हैं और कान से कम सुनाई देता है। चलने फिरने में दिक्कत होती है, उसके बाद भी पत्नी की पूजा समय से करते हैं। सारा दिन कुर्सी पर बैठकर पत्नी की मूर्ति को देखते रहते हैं। मंदिर में बारिश और तेज धूप न जाए, उसके लिए टिन शेड भी लगाया हुए है। पत्नी को छोड़कर कही न जाना पड़े घर के सामने फल सब्जी की पैदावार करते हैं।

 

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