इन खूबसूरत दीवारों के पीछे भ्रष्टाचार का दाग

– ऐरायां ब्लाक की 50 ग्राम पंचायतों मंे ग्रामीणों नहीं मिल रहा लाभ
जर्जर हालत में पहुंचे शौचालय का दृश्य।
खागा/फतेहपुर। ऐरायां विकास खंड की 50 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालयों के नाम पर लगभग एक करोड़ 10 लाख रूपए खर्च किया गया है। सार्वजनिक शौचालयों की सफाई और देखरेख के नाम पर समूह की महिलाओं को मासिक मानदेय पर रखा गया है। बावजूद इसके ज्यादातर लोगों को नहीं मिल पा रहा है। देखा जा रहा है कि गांव के सामुदायिक शौचालय बिना उपयोग के ही बदहाल होते जा रहे हैं। बदहाल शौचालयों पर पर्दा डालने के लिए यहां ताले जड़े हुए मिलेंगे। जिसके चलते ग्रामीणांे को खुले में शौच जाने के लिए विवस होना पड़ रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीणांे ने कई बार ब्लाक के अधिकारियों से की हैं लेकिन किसी ने समस्या नही सुनी। ग्रामीण क्षेत्रों को खुले मेें शौच से मुक्त करने व जरूतमंदों को लाभ देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत लगभग सभी ग्राम पंचायतों में दो लाख 20 हजार रूपए की कीमत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया। जिसमें पुरूष व महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय व स्नानागार भी बनाए गये हैं। पानी की सप्लाई के लिए सबमर्सिबल व टंकी भी लगवाई गई है। बाहर से शौचालय सुंदर दिखाई देने के मकसद से रंगाई-पुताई के साथ स्लोगन भी लिखवाया गए हैं। सामुदायिक शौचालय संचालन के लिए समूह की महिलाओं को केयर टेकर के रूप में रखा गया है। हालांकि ज्यादातर जगहों पर यह केवल कागजी खानापूर्ति कर नजर आई कहीं कहीं देखा गया कि सामुदायिक शौचालयों में सबमर्सिबल नहीं कराए गए हैं। किसी सामुदायिक शौचालय की टोटियां खराब है। कहीं पानी की टंकी नहीं है आदि व्यवस्थाएं अधूरी पड़ी हुई हैं। वही कोडारवर ग्राम सभा में बना शौचालय ग्रामीणों के उपयोग में नहीं आ रहा है। यहां भी अक्सर ताला बंद रहता है। केयर टेकर शौचालय की साफ सफाई की व्यवस्था में ध्यान नहीं देते हैं। सुल्तानपुर घोष में गंदगी के साथ सारी व्यवस्थाएं जर्जर हैं।

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