शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से प्रदेश के शिक्षामित्र आहत

– बैठक कर शिक्षामित्रों ने आन्दोलन की तय की रणनीति

नहर कालोनी प्रांगण में बैठक करते शिक्षामित्र।
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ व शिक्षामित्र केयर समिति के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से नहर कालोनी प्रांगण में बैठक की। जिसमें शिक्षामित्रों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए आंदोलन की रणनीति तय की गई। वक्ताआंे ने शिक्षामित्र के बेतुके बयान से शिक्षामित्रों के आहत होने की बात कही।
बैठक में बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी व शिक्षामित्र केयर समिति के जिला संयोजक ओम पटेल ने कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से प्रदेश सहित जनपद के सभी शिक्षामित्र आहत हैं। शिक्षामित्रों को शिक्षकों से भिन्न बताना नितांत गलत है। मानदेय वृद्धि के नाम पर सरकार ने शिक्षामित्रों का वेतन 40 हजार रुपए से घटाकर 10 हजार रुपए कर दिया है। जिसके कारण इस बढ़ती मंहगाई में शिक्षामित्रों के सामने परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। श्री तिवारी ने कहा कि शिक्षामित्र बेसिक शिक्षा मंत्री के शिक्षकों व शिक्षामित्रों में भिन्नता, मानदेय न बढ़ाए जाने व समायोजित न किए जाने के बयान से आहत हैं और बेमौत मरने के लिए मजबूर हैं। योग्य व अनुभवी, शिक्षक की सभी योग्यता रखने वाले शिक्षामित्र अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। जिला मंत्री सुमित द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला के नेतृत्व में कई बार प्रदेश के मंत्री, विधायक, डिप्टी सीएम, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री से मुलाकात की गई। सभी ने केवल 6 सालों से आश्वासन ही दिया है। आज प्रदेश में नौ हजार से अधिक शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है ये कैसा अमृत काल चल रहा है। अब सितंबर माह में प्राथमिक शिक्षामित्र संघ लखनऊ कूच करेगा। जहाँ अनिश्चितकालीन धरने आयोजित किया जायेगा। इस मौके पर सुनील मिश्रा, मीनू सिंह, अतर सिंह, ओम पटेल, भानू सिंह, विशाल शुक्ला, शैलेन्द्र सिंह, सर्वेश चन्द्र मिश्र, बिनीत सिंह, अनिल श्रीवास्तव, सुमित द्विवेदी, अखिलेश गुप्ता, संतोष यादव, रियाज अहमद, नत्थू लाल, शिव सिंह, पुष्पा यादव, रेनू यादव, आशा, सुनीता, गीता, ममता, सत्येंद्र नाथ दीक्षित, शैलेन्द्र वर्मा उपस्थित रहे।

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