गंगा उफनाईं, बेनीखेड़ा और बिंदकी फॉर्म गांव बना टापू

फतेहपुर/औंग। मलवां और देवमई ब्लाक क्षेत्र में गंगा और पांडु नदी के तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बेनीखेड़ा और बिंदकी फॉर्म गांव टापू बन गए हैं। सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के कारण जलस्तर खतरे के निशान से सिर्फ नौ सेंटीमीटर दूर है। उधर, बुधवार शाम को बिंदकी एसडीएम ने तहसील टीम के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। बेनीखेड़ा व बिंदकी फॉर्म गांव के हालात को देखते हुए यहां से 150 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

 

पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा नदी में उफान है। पानी से कटरी क्षेत्र में सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। भिटौरा में खतरे का निशान 100.86 मीटर पर है, जिसके सापेक्ष बुधवार सुबह तक पानी 100.77 मीटर पर पहुंच चुका था। गंगा और पांडु नदी का जलस्तर एक समान हो गया है। इससे बेनीखेड़ा और बिंदकी फॉर्म गांव के चारों तरफ पानी भर गया है। जूनियर विद्यालय बड़ाखेड़ा पढ़ने जाने वाले छात्र सड़क पर भरे पानी से निकल रहे हैं।

कटरी के किसान बाढ़ से हुई तबाही को लेकर चिंतित हैं। कुछ दिन पहले बाढ़ की उम्मीद बिलकुल समाप्त जैसी थी। बाढ़ की चिंता छोड़ कर किसानों ने अपना ध्यान खेती पर लगाया था। धान और मिर्च के पौधों की रोपाई, गेंदा, गुलदवरी की रोपाई, सब्जी की बुआई का काम काफी हद तक पूर्ण हो चुका था। एक बार फिर गंगा के बढ़ते जलस्तर ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसानों ने बाढ़ की आशंका से बोआई का रकबा पहले ही आधा कर दिया था। जो बोआई की थी वह भी बाढ़ की चपेट में है। किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

उधर, बुधवार शाम बिंदकी उप जिलाधिकारी मनीष विश्वकर्मा, नायब तहसीलदार अमरेंद्र व रवि, ग्राम पंचायत अधिकारी कुलदीप सिंह स्वास्थ्य व पशु चिकित्सा विभाग की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। बेनीखेड़ा व बिंदकी फॉर्म गांव के हालात का निरीक्षण किया। उप जिलाधिकारी ने बताया पानी का बढ़ना जारी रहा, तो गुरुवार सुबह से बेनीखेड़ा के 72 और बिंदकी फॉर्म के 78 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कराया जाएगा। लेखपाल शुभम सिंह और अभिषेक शिवहरे को चौकसी बरतने की हिदायत दी गई है। मौके पर स्थानीय गोताखोरों को लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ तैनात किया गया है। नावों को भी लगाया गया है। पुलिस प्रशासन भी बाढ़ के खतरे को भांपते ही मुस्तैद है।

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