नई दिल्ली। गूगल दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी आप इसके किसी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। गूगल की AI यूनिट में से एक डीपमाइंड है, जो जीवन संबंधी सलाह, योजना और ट्यूशन के लिए कम से कम 21 अलग-अलग टूल विकसित करने के लिए जेनरेटिव AI का उपयोग कर रही है।
गूगल ने टूल्स का परीक्षण करने के लिए स्केल AI के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है, जो 7.3 बिलियन का स्टार्टअप है। यह AI सॉफ्टवेयर के प्रशिक्षण और सत्यापन पर केंद्रित है। इस टेस्टिंग के एक भाग में यह जांचना शामिल है कि क्या टूल संबंध संबंधी सलाह दे सकते हैं या यूजर्स को खास प्रश्नों के उत्तर देने में मदद कर सकते हैं।
गूगल ने एक नया लार्ज लैंग्वेज मॉडल पेश किया, जिसका उपयोग चैटबॉट्स जैसे AI टूल के प्रशिक्षण के लिए किया जाता है, जिसे PaLM 2 के रूप में जाना जाता है। गूगल ने कहा कि उसने इसे पहले ही इंटरनेट खोज कंपनी के कई प्रमुख प्रोडक्ट में शामिल कर लिया है।
गूगल की जीवन सलाह, योजना और ट्यूशन के लिए कम से कम 21 अलग-अलग टूल विकसित करने के लिए AI इकाइयों में से एक जेनरेटिव AI का उपयोग कर रही है। गूगल का डीपमाइंड कंपनी के AI प्रयासों के लिए ‘फुर्तीला, तेज-तर्रार’ मानक-वाहक बन गया है, और टूल के विकास के पीछे है।
गूगल ने टूल्स का परीक्षण करने के लिए स्केल AI के साथ अनुबंध किया है, जो 7.3 बिलियन डॉलर का स्टार्टअप है जो AI सॉफ्टवेयर के प्रशिक्षण और सत्यापन करता है। पीएचडी वाले 100 से अधिक लोग इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। परीक्षण के एक भाग में यह जांचना शामिल है कि क्या टूल रिलेशन संबंधी सलाह दे सकते हैं या यूजर्स के खास प्रश्नों के उत्तर देने में मदद कर सकते हैं।