आखिर कब होगी अडियल कोटेदारों पर कार्रवाई

 

ओमप्रकाश गौतम संवाददाता

अतर्रा/बांदा | अतर्रा ग्रामीण क्षेत्र के उचित दर विक्रेताओं को शायद अपने अधिकारियों एवं उ. प्र के ईमानदारी मुख्यमंत्री का कोई भय नहीं है इसलिए तो एक महीने से लगातार अवाज उठाने एवं जलापूर्ति अधिकारी के आदेश के बावजूद भी अपनी दुकानों को आवंटित क्षेत्र में नहीं संचालित किया जा रहा है | दरअसल अतर्रा ग्रामीण क्षेत्र में 8 सरकारी सस्ते राशन की दुकानें हैं जिनमें मात्र दो दुकानों को छोड़ शेष 6 दुकाने शहर में कोटेदार अपने घरों से संचालित कर रहे हैं | यही नहीं अधिकतर कोटेदार शहरी क्षेत्र के निवासी है जबकि सरकार की मनसा यह है कि ग्रामीण की दुकान ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्ति के नाम पर होना चाहिए जिससे कार्डधारकों को अपना काम धंधा छोड़कर 8 से 10 किलोमीटर पैसा और समय दोनों ना खर्चना पडे लेकिन अपने व्यकितगत स्वार्थ के चक्कर में कोटेदार अपने जिद पर अडे है और दुकानें अपने घरों से शहर के अंदर चला रहे हैं यही नहीं जहाँ पर दुकानें चला रहे हैं वहां कार्डधारकों के न बैठने की व्यवस्था है और ना ही पानी की व्यवस्था है |
असल में अभी ग्रामीण की दुकानें कोटेदार शहर में अपने घरो से संचालित कर रहे हैं क्योंकि अधिकतर शहरी निवासी है और अगर आवंटित स्थान पर संचालित करेंगे तो किराये पर दुकान लेना पडेगा और उसका किराए देना पड़ेगा और कोटेदार अपनी आमदनी कम नहीं होने देंगे भले ही जनता को लाख परेशान होना पडे |
जलापूर्ति अधिकारी को अवगत कराया गया है उनहोंने अतिशीघ्र कार्यवाही की बात कही है अब देखना दिलचस्प होगा कि कब तक दुकानें आवंटित स्थान पर संचालित होगी और ना करने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई होगी |

Leave A Reply

Your email address will not be published.