मालाबार युद्धाभ्यास की निगरानी में जुटीं 300 चीनी सैटेलाइट्स, तीन हजार विमान भी भेजे

 

विदेश: क्वाड देशों के मेंबर भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच इस वक्त मालाबार मिलिट्री एक्सरसाइज चल रही है। इस युद्धाभ्यास से चीन घबराया हुआ है। ऐसे में चीन ने अपनी सैकड़ों लोअर ऑर्बिट सैटेलाइट्स को ऑस्ट्रेलिया के ऊपर मालाबार एक्सरसाइज की निगरानी करने के लिए तैनात कर दिया है।

न्यूज ने कमर्शियल स्पेस डेटा के हवाले से बताया कि 22 जुलाई से 4 अगस्त तक चली टैलिस्मैन सेबर एक्सरसाइज और अब मालाबार एक्सरसाइज के दौरान लगातार ऑस्ट्रेलिया के पास लगातार निगरानी की। इस दौरान पूरा फोकस सिडनी पोर्ट के पास युद्धपोतों पर रखा गया।

 

EOS स्पेस सिस्टम डिफेंस कंपनी के जेम्स बेनेट ने बताया कि ग्राउंड बेस्ड एक्टीविटी के लिए 300 सैटेलाइट और 3 हजार फ्लाइट्स के जरिए मालाबार एक्सरसाइज का सर्वे किया। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया का डिफेंस डिपार्टमेंट चीन की निगरानी के दौरान अपने और बाकी देशों के वॉरशिप्स की जानकारी बचाने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। साथ ही चीन की सैटेलाइट्स पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।

चीन इससे पहले भी मालाबार एक्सरसाइज की निगरानी कर चुका है। 2007 में उसने हिन्द महासागर में युद्धाभ्यास पर नजर रखने के लिए एक स्पाई शिप भेजी थी। इसके बाद 2014 में भी बंगाल की खाड़ी में ऐसा ही एक जहाज भेजा गया था।

 

इस साल मालाबार एक्सरसाइज में भारत की तरफ से INS कोलकाता और सह्याद्री को भेजा गया है। मालाबार युद्धाभ्यास 11 अगस्त से शुरू हुआ है, जो 21 अगस्त तक चलने वाला है। यह एक्सरसाइज दो फेज में हो रही है। इसमें पहला हार्बर फेज होगा और दूसरा सी फेज।

पहले फेज में चारों देशों की नेवी के लोग एक-दूसरे के वॉरशिप में जाएंगे और एक दूसरे की प्रोफेशनल प्रैक्टिस से सीखेंगे। सी फेज में कई हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज होंगी। इसमें एंटी सर्फेस, एंटी एयर और एंटी सबमरीन एक्सरसाइज होगी। यानी कैसे दुश्मन के सतह में मौजूद टारगेट को नष्ट करना है और इसी तरह हवा में मौजूद दुश्मन के टारगेट को निशाना बनाने की प्रैक्टिस के साथ ही दुश्मन की सबमरीन को कैसे ध्वस्त करना है।

 

इससे पहले पिछले साल नवंबर में जापान ने मालाबार एक्सरसाइज का नेतृत्व किया था। इस युद्धाभ्यास में INS शिवालिक-कमोर्टा शामिल हुए थे। ये दोनों ही स्वदेशी युद्धपोत हैं। शिवालिक एक मल्टी रोल स्टेल्थ फ्रीगेट है, जो एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में भी हिस्सा ले सकता है। वहीं, कामोर्तो पूरी तरह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर जहाज है।

मालाबार अभ्यास साल 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। फिर 2015 में इसमें जापान और 2020 में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गया, जिससे इस युद्धाभ्यास की लोकप्रियता और बढ़ गई। चारों देशों ने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में चीन के बढ़ते सैन्य दखल से उत्पन्न वैश्विक चिंताओं के बीच यह युद्धाभ्यास किया था।

 

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