433 करोड़ कमाकर भी गदर-2 रजनीकांत की जेलर से पीछे, स्क्रीनकाउंट या फैनफॉलोइंग का असर

 

बॉलीवुड:  10 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म जेलर ने 10 दिनों में वर्ल्ड वाइड 500 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है। भारत में फिल्म ने 245.9 करोड़ कमाए हैं, जिसमें से सिर्फ साउथ बेल्ट में फिल्म ने महज 5 दिनों में 134 करोड़ रुपए कमाए हैं।

जेलर की रिलीज के अगले ही दिन 11 अगस्त को 2 बड़ी फिल्में गदर 2 और OMG-2 भी रिलीज हुईं, लेकिन इस क्लैश का बुरा असर फिल्म पर नहीं पड़ा। माउथ पब्लिसिटी और क्रेज होने के बावजूद गदर 2 फिलहाल 433 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर रजनीकांत की फिल्म जेलर से पीछे है।

 

साउथ और बॉलीवुड फिल्मों की कमाई में दिख रहे अंतर का सीधा कारण है स्क्रीनकाउंट। स्क्रीनकाउंट का मतलब है रिलीज होने वाली फिल्मों को मिली स्क्रीन्स या कितनी स्क्रीन्स पर फिल्म रिलीज हुई। भारत में 2023 में कुल 10,167 सिंगल स्क्रीन थिएटर हैं, जिनमें से सिर्फ साउथ बेल्ट के पास 6,320 सिंगल स्क्रीन हैं।

जब साउथ में इतनी बड़ी संख्या में थिएटर में कोई रीजनल भाषा की फिल्म लगती है तो साउथ फिल्मों के फैंस बड़ी संख्या में फिल्म देखने पहुंचते हैं, जिसका सीधा असर कलेक्शन पर देखने को मिलता है। साउथ की ऑडियंस और थिएटर काउंट का फायदा देखते हुए ही भारत में अब पैन इंडिया फिल्मों का चलन भी बढ़ रहा है। इसके अलावा ज्यादा स्क्रीनटाइम का फायदा भी फिल्म के कलेक्शन पर पड़ता है।

 

रजनीकांत की फिल्म जेलर को दुनियाभर की 7 हजार से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है। वहीं इसके ज्यादातर शोज साउथ के सिनेमाघरों में हैं। जिसका सीधा फायदा फिल्म को मिल रहा है। ज्यादा स्क्रीनकाउंट होने का ही नतीजा है कि फिल्म ने पहले ही दिन 72 करोड़ रुपए का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर लिया।

अब जानते हैं कि साउथ की फिल्में कमाई में हिंदी फिल्मों से आगे क्यों हैं। इसका कारण है साउथ बेल्ट यानी आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में दूसरे रीजन के मुकाबले ज्यादा सिंगल स्क्रीन थिएटर होना। 2023 में भारत में कुल 10167 सिंगल स्क्रीन्स हैं, लेकिन इनमें से 6320 स्क्रीन्स सिर्फ साउथ रीजन में है, जहां ज्यादातर फिल्में तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयाली में रिलीज होती हैं।

साउथ में सरकार ने फिल्मों की टिकट दरों पर कंट्रोल किया हुआ है। आज भी वहां ज्यादातर सिंगल स्क्रिन सिनेमाघरों में 100 रुपए से ज्यादा के टिकट नहीं हैं। इस कारण गरीब और मिडिल क्लास लोग भी एक फिल्म कई-कई बार देखने आ जाते हैं।

सिनेमा के टिकट रेट बढ़ाने के लिए थिएटर्स ओनर और फिल्म स्टार्स दोनों कई बार सरकारों से अपील कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने कभी भी टिकट रेट नहीं बढ़ाए, क्योंकि साउथ स्टेट्स में सिनेमा राजनीतिक टूल की तरह भी इस्तेमाल होता है ताकि लोग अपने पसंदीदा स्टार की फिल्म कम दाम में देख सकें।

 

स्टार्स के फैन क्लब्स बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद करते हैं। जैसे अकेले रजनीकांत के 60 हजार फैन क्लब्स हैं। ये बल्क में टिकट बुक करते हैं। हर स्टार के अपने-अपने फैन क्लब हैं। साउथ स्टार्स एक दूसरे की फिल्मों का भी प्रचार करते हैं। जैसे फिल्म RRR देखने के लिए कुछ फैंस ने लॉस एंजिलिस का पूरा थिएटर बुक करवाया। वहीं साउथ में भी ऐसे ही कई मामले देखने को मिले। फिल्म का क्रेज इस कदर था कि आंध्रप्रदेश के एक थिएटर को फैंस से बचाने के लिए स्क्रीन के सामने कंटीले तार लगाए गए थे।

ऐसे ही साउथ में फिल्म रिलीज से पहले स्टार्स के बड़े-बडे कटआउट पूरे शहर में लगाए जाते हैं। वहीं उनका दूध अभिषेक कर थिएटर के बाहर जश्न मनाया जाता है।

 

कंपनियां अपने एम्प्लॉइज को मोटिवेट करने के लिए उनके फेवरेट कलाकारों की फिल्मों के टिकट उपलब्ध कराती हैं। जेलर की रिलीज के दिन 10 अगस्त को मदुरै की यूनो एक्वा केयर नाम की कंपनी ने चेन्नई, बेंगलुरु, त्रिची, तिरुनेलवेली, चेंगलपट्टू, मत्तूथावानी, आरापलायम, अलगप्पन नगर के 10 सेंटर्स में छुट्टी घोषित कर दी थी। वहीं कई कंपनियों ने अपने एम्प्लॉइज को जेलर के टिकट फ्री में दिए। 2016 में कबाली की रिलीज के दिन भी साउथ की कई कंपनियों ने छुट्टी घोषित की थी।

 

साउथ का फिल्म मेकिंग प्रोसेस, जैसे वहां हीरोइज्म दिखाया जाता है। कहानियों पर बहुत प्रयोग होते हैं। फैमिली सेंट्रिक कंटेंट ज्यादा बनता है। फिल्म में एक पेस होता है। इसके कुछ उदाहरण बाहुबली, पुष्पा, RRR, KGF, मास्टर, काला जैसी फिल्में हैं। यही कारण है कि साउथ के पॉपुलर स्टार्स को मेगास्टार, सुपरस्टार, प्रिंस और मेगा पावरस्टार जैसे नामों से क्रेडिट दिया जाता है।

 

सवाल- क्या ज्यादा स्क्रीनकाउंट मिलने से फिल्म की कमाई पर असर पड़ता है?

जवाब- 100%, जितनी ज्यादा जगह फिल्म रिलीज होगी उतनी ज्यादा कमाई होगी। गदर 2 जितनी स्क्रीन्स पर रिलीज हुई है, अगर सारे थिएटर हाउसफुल रहे तो वो सिर्फ एक दिन में 65 करोड़ कमाएगी और जेलर हाउसफुल रही तो वो एक दिन में 75 करोड़ कमाएगी, क्योंकि जेलर के पास ज्यादा स्क्रीन्स हैं।

 

सवाल- क्या गदर 2 से क्लैश होने पर OMG 2 को नुकसान हुआ है, क्योंकि उसे कम स्क्रीन्स मिली हैं?

जवाब- नहीं, OMG 2 कभी भी गदर जितनी हिट होती, ये तो सोचा भी नहीं जा सकता। हर फिल्म का एक स्केल होता है और फिल्म उसी स्केल में कमाई करती है। हां, लेकिन OMG 2 को गदर 2 का अपोजिशन भारी पड़ा है। अगर OMG 2, गदर 2 के सामने नहीं आती, तो उसे ज्यादा और बेहतर स्क्रीन्स मिलतीं और उससे बेहतर बिजनेस होता, लेकिन गदर 2 जितनी कमाई करती ये सोचना बेवकूफी है।

 

सवाल- क्लैश न होता तो स्क्रीन ज्यादा मिलने से OMG 2 ज्यादा कमा सकती थी?

जवाब- जरूर, लेकिन मैं साथ में ये भी कहूंगा कि गदर 2 के ओवरफ्लो का फायदा भी OMG 2 को मिल रहा है। लोग गदर 2 देखने पहुंच रहे हैं, लेकिन वो हाउसफुल है तो लोग OMG 2 देखने चले जाते हैं। जहां नुकसान हुआ है वहां फायदा भी हुआ है।

 

सवाल- रजनीकांत की फिल्म जेलर को गदर 2 से ज्यादा स्क्रीन्स मिलने का क्या कारण हो सकता है

जवाब- जब साउथ में रजनीकांत की फिल्म आती है तो दूसरा कोई साउथ में आने की हिम्मत भी नहीं कर सकता। साउथ के सारे सिनेमाघर रजनीकांत की ही फिल्में रिलीज करते हैं और दिल, सिनेमाघर दोनों उन्हीं के नाम कर देते हैं।

 

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