ओमप्रकाश गौतम संवाददाता
अतर्रा/बांदा | लगातार की जा रही शिकायतों को दरकिनार करते हुए अतर्रा ग्रामीण के उचित दर विक्रेता आज भी अपनी दुकानों को अपने सुविधानुसार अपने घर चेतन चालू कर रहे हैं जिला पूर्ति अधिकारी क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक को अवगत कराने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है जिसके कोटेदारों के हौसले बुलंद हैं | कोटेदारों द्वारा कार्डधारकों से बदसलूकी की जाती है और यही नहीं घटतौली तो आम बात है |
ग्रामीण क्षेत्र से आवंटित दुकानों को शहर में संचालित होने का हमारे द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है लेकिन अधिकारियों के कानो पर जूं नहीं रेग रही है कार्डधारक 8 से 10 किलोमीटर दूर से अपना समय और पैसा दोनों बरबाद करके आता है और आने के बाद जब अगूठा नहीं लगता फिर निराश होकर वापस चला जाता है | इस सबके बावजूद कम राशन दिया जाता है | सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार घटतौली के संम्बंध में कोटेदार कहते हैं कि हमें कम राशन दिया जाता है तो हम भी कार्डधारकों को कम देते हैं | अब पता नहीं सरकार तो गरीबों के हक पर किसी कीमत पर डाका नहीं पडने देना चाहती फिर भी डाका तो पड रहा है | आखिर क्यों?