गौशाला से रात में किसानों के खेत चरने के लिए छोड़ दिये जाते हैं गौवंश

 

ओमप्रकाश गौतम संवाददाता

अतर्रा/बांदा| किसानों की खड़ी फसलों को अन्ना जानवरों द्वारा फसल को नुकसान न पहुंचा जाए इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न ग्राम पंचायत नगर पालिकाओं को लाखों करोड़ों रुपए गौशाला संचालक के लिए प्रति माह आवंटित करती है लेकिन सरकार की नियत को धता बताते हुए जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा गौशाला संचालक के नाम पर खेल किया जा रहा है | एक ऐसा ही मामला देखने में आया है जिले की ग्राम पंचायत रहुसत-तिंदुही, विकास खण्ड महुवा पर गौशाला से रात मे गायों को खुला छोड़ दिया जाता है यह अन्ना जानवर गाँव के बाहर किसानों के खेतों खड़ी फसल को सफाचट कर जाते हैं | सरकार द्वारा प्रतिमाह गौशालाओं में संरक्षित गौवंशो को ₹30 प्रतिदिन के हिसाब से हर महीने पैसा दिया जाता है लेकिन गौवंशो को खुला छोड़ करके और कागजी खानापूर्ति करके पैसे को निकाल कर के भ्रष्टाचार कर दिया जाता है | गौवंशों की यह है दुर्दशा देखी नहीं जाती हैं | न्यूज़ वाणी की खबर का संज्ञान लेते हुए दिनाँक 19/08/2023 को उप जिला अधिकारी अतर्रा नमन मेहता व तहसीलदार अतर्रा रामचंद्र के आदेशों से नायाब तहसीलदार बिसंडा राजीव कुमार ने जांच जी 20/08/2023 को ना तो दिन में और ना ही रात गौशाला मे भूसा व चारा आदि दिया गया बल्कि 20/08/2023 को ही रात मे सभी गौमाताओं को खुला गौशाला से छोड़ दिया गया है ताकि भूसा और चलाना डालना पड़े और उसे पैसे को बचाया जा सके गौशाला में खून की अव्यवस्थाओं ने सरकारी तंत्र की सच्चाई की पोल खोल कर रख दी है | ग्राम पंचायत रहुसरत निवासी उमाकांत शुक्ला ने बताया कि मेरे पास वीडियो और फोटो है जिसमें रात में पूरी गौशाला खाली थी और दिन में भी पूरा गांव खाली था इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी सचिव प्रधान के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए |

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