प्रगनानंद चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में, दुनिया के नंबर-3 खिलाड़ी फैबियानो को हराया; ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय
भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद चेस के FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने सोमवार रात दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानो कारूआना को टाई-ब्रेक में 3.5-2.5 से हराया। यह टूर्नामेंट अजरबैजान के बाकू में खेला जा रहा है।
प्रगनानंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले विश्वनाथन आनंद के नाम यह रिकॉर्ड था। आनंद ने साल 2002 में इस वर्ल्ड कप को जीता था। फाइनल में अब प्रगनानंद क सामना दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से होगा। अगर प्रगनानंद ये जीत जाते हैं तो उन्हें 91 लाख रुपए मिलेंगे।
टाई ब्रेकर में खिलाड़ी के पिछले मुकाबलों के स्कोर के आधार पर एक टाई ब्रेक स्कोर बनता है। इसमें बेहतर स्कोर वाले को विजेता घोषित किया जाता है।
आर प्रगनानंद और मैग्नस कार्लसन के बीच हमेशा कांटे की टक्कर होती है। हेड टु हेड में मैग्नस कार्लसन आगे हैं। दोनों खिलाडियों के बीच अब तक 19 मुकाबले हुए हैं। इसमें से कार्लसन ने 8 और प्रगनानंद ने 5 मुकाबले जीते हैं। 6 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। आखिरी बार इस साल के जनवरी में उन्होंने कार्लसन से टाटा स्टील चैस चैंपियनशिप में ड्रॉ खेला था।
चेस के लीजेंड विश्वनाथन आनंद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’, जो पहले ट्विटर था, पर पोस्ट किया कि, प्रगनानंद फाइनल में पहुंच गया। उन्होंने टाईब्रेक में फैबियानो कारूआना को हराया और अब मैग्नस कार्लसन से उनका मुकाबला होगा। बहुत खूब।
प्रगनानंद ने गुरुवार को सडन डेथ टाईब्रेक में भारत के ही अर्जुन एरिगैसी को 5-4 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। प्रगनानंद ने पहले ही अगले साल के कैंडिडेट्स इवेंट में जगह पक्की कर ली है। टाईब्रेकर में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर हिकारू नाकामुरा को हराने के बाद प्रगनानंद ने चेस विश्व कप के सबसे बड़े उलटफेर में से एक की शुरुआत की थी।
फाइनल में जगह पक्की करने के बाद प्रगनानंद ने कहा कि, मुझे इस टूर्नामेंट में मैग्नस के खिलाफ से खेलने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि मैं उनके खिलाफ केवल फाइनल में ही खेल सकता था। मुझे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद नहीं थी। मैं बस अपना बेस्ट देने की कोशिश करूंगा और देखूंगा कि आगे क्या होता है।
चेन्नई के रहने वाले प्रगनानंद ने 2018 में प्रतिष्ठित ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल किया था। वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के सबसे कम उम्र के और उस समय दुनिया में दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।
प्रगनानंद तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ था। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी हाउस वाइफ हैं। प्रगननंदा 10 साल की उम्र में 2016 में शतरंज के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने थे।
18 साल के प्रगनानंद दिग्गज बॉकी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। बॉकी फिशर ने 1959 और कार्लसन ने 2007 में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया था। तब दोनों की उम्र 16 साल की थी। वहीं प्रगनानंद ने 10 दिन पहले ही अपना 18वां जन्मदिन मनाया है। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2024 में होगा, जिससे डिंग लिरेन के चैलेंजर का फैसला होगा।
प्रगनानंद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई करने वाले दूसरे भारतीय भी हैं। उनसे पहले विश्वनांथन ने 1991 में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई किया।