गर्भवती ने महिला अस्पताल के गेट पर दिया बच्चे को जन्म, पति ने स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप

 

फतेहपुर में जिला महिला अस्पताल गेट पर एक गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। जिसके बाद महिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने गेट पर हंगामा काटना शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले को शान्त कराया। महिला सीएमएस को जानकारी होने पर जच्चा बच्चा को भर्ती किया गया।

 

जिला के खागा कोतवाली क्षेत्र के सलेमपुर गांव के रहने वाले पंकज पाल की गर्भवती पत्नी पिंकी पाल को हरदो अस्पताल से डॉक्टर ने हालत गंभीर होने पर जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर किया था। 108 एम्बुलेंस से जिला महिला अस्पताल पहुंचने परिजनों ने भर्ती कराया। उसके बाद परिजन निजी अस्पताल में ले जाकर डिलीवरी करा रहे थे। जहां किसी दलाल के बहकावे में आकर जिला महिला अस्पताल फिर से पहुंचे तो गेट पर ही पिंकी को प्रसव पीड़ा होने लगी और कुछ देर बाद एक बच्चे को जन्म दे दिया।

 

गेट पर बच्चा पैदा होने पर महिला के परिजनों ने महिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना पर जिला चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और मामले को शान्त कराते हुए सीएमएस को जानकारी दिया। महिला सीएमएस रेखा रानी ने जच्चा बच्चा को भर्ती कराया।

 

महिला के पति पंकज पाल ने आरोप लगाया कि खागा के हरदो अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराया तो डॉक्टर ने जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यहां पर पत्नी तड़पती रही लेकिन कोई भी डॉक्टर व नर्स ने देखना उचित नहीं समझा। पत्नी को हम लोग निजी अस्पताल में भर्ती कराए जहां पर एक दलाल ने वापस जिला महिला अस्पताल में लेकर चलने को कहा। तब हम फिर यहां पर आए तो कोई सुनवाई नहीं हुई।

 

इसके बाद पत्नी ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इसमें पूरी लापरवाही जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ नर्स की है। सीएमएस रेखारानी ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि जिस समय महिला को लाया गया था उस समय एक और गर्भवती महिला की डिलीवरी हो रही थी जिसका बच्चा उल्टा आ रहा था। इसलिए डॉक्टर और नर्स उसमें लगे थे। इसी बीच आशा बहु के साथ यह लोग यहां से चले गए।

 

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