इंदौर में तीन विधानसभा सीटों पर BJP में खुली बगावत, हार्डिया के बाद मधु वर्मा और सुदर्शन के खिलाफ गुस्सा
इंदौर: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले इंदौर में भाजपा में बगावत हो गई है। इंदौर में विधानसभा सीट नंबर-5 के बाद कार्यकर्ताओं ने इंदौर 1 और राऊ में भी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। शुक्रवार को तो कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक के खिलाफ रैली निकाल दी। सीट नंबर-5 के कार्यकर्ताओं ने भी यही बात दोहराई है।
इंदौर में विरोध तब हो रहा है, जब प्रवासी विधायक इंदौर की सभी विधानसभा सीटों की जमीनी हकीकत देखने आए हुए हैं। कार्यकर्ता सीट नंबर 5 में विधायक महेंद्र हार्डिया, सीट नंबर-1 में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता और राऊ में अधिकृत उम्मीदवार मधु वर्मा का विरोध कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को गुजरात के विधायकों की गोपनीय बैठक हुई। बैठक में संभागीय प्रभारी राघवेंद्र गौतम, चुनाव संयोजक बाबू सिंह रघुवंशी, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे मौजूद रहे। प्रवासी विधायकों ने कहा कि विधायक व पूर्व विधायकों के प्रति कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इन्हें टिकट दिया गया तो पार्टी को नुकसान होगा। भाजपा चुनाव हार जाएगी।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब तीन महीने पहले ही भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। जिसमें इंदौर से राऊ विधानसभा से मधु वर्मा को टिकट दिया गया है। जिसके बाद दूसरे दावेदार के समर्थकों ने वर्मा का विरोध शुरू कर दिया। बिजलपुर के बूथ अध्यक्ष मोहन पटेल ने बीजेपी आलाकमान से मांग की है कि राऊ विधानसभा को लेकर एक बार और विचार करना चाहिए। पार्टी को राऊ का पुन: निरीक्षण कराकर टिकट तय करना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि राऊ में मधु वर्मा का खुलकर तो कोई विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन अंदरूनी हलचल मची हुई है। यहां से जीतू जिराती भी तैयारी कर रहे थे। अब उनके समर्थक पार्टी से टिकट पर विचार करने की मांग कर रहे हैं।
मंगलवार को गुजरात के दाभोई के विधायक शैलेश मेहता ने क्षेत्र के सुभाष मंडल की बैठक ली। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी को सुदर्शन गुप्ता की जगह किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट देना होगा। बताया जा रहा है कि बैठक में पार्टी के पूर्व नगर मंत्री सुभाष परमार और पूर्व पार्षद प्रत्याशी दिनेश शर्मा ने गुप्ता पर कार्यकर्ताओं से भेदभाव का आरोप लगाया। शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने विरोध रैली निकाली। इधर, सुदर्शन गुप्ता का कहना है कि बैठक में क्या हुआ मुझे उसकी जानकारी नहीं है। मैं उस दिन बाहर था।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि सुदर्शन गुप्ता का विरोध दो गुट कर रहे हैं। पहला गुट इस बार खुद के लिए टिकट मांग रहा है या वह नया प्रत्याशी चाहता है। दूसरे गुट का विरोध इसलिए है क्योंकि नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद का टिकट नहीं दिया गया।
इंदौर 5 के वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया के खिलाफ पार्टी पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक बगावत कर चुके हैं। इसके बाद गुरुवार को कार्यकर्ताओं ने प्रवासी विधायक संदीप देसाई के सामने हार्डिया का विरोध जताया। देसाई ने सरदार वल्लभ भाई पटेल मंडल की बैठक ली।
देसाई ने मंडल से विधानसभा जीतने की बात की तो पूर्व पार्षद ने कहा कि टिकट बदल जाए तो विधानसभा आसानी से जीत लेंगे। देसाई ने जवाब दिया कि आप लोग यह मत सोचिए कि मैं टिकट फाइनल करने आया हूं। मैं सिर्फ संगठन की बात करने आया हूं। इस पर नानू राम कुमावत ने कहा कि हमें मालूम है आप टिकट नहीं दे सकते, लेकिन कार्यकर्ताओं की बात संगठन तक पहुंचा तो सकते हैं।
देसाई ने कहा- महेंद्र हार्डिया को टिकट मिले तो क्या दिक्कत है। यह सुनते ही दिनेश शर्मा बोले- पार्षद के टिकट के समय हार्डिया ने कहा था इस बार तुम्हें पार्षद का टिकट नहीं मिलेगा। क्योंकि अब नए व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। संगठन का ऐसे ही चलता है। जब पार्षद के टिकट बदल सकते हैं तो विधायक के क्यों नहीं? लगातार हार्डिया का विरोध होते देख देसाई बैठक खत्म कर चले गए।
क्षेत्र के नेता पत्नी या खुद के लिए पार्षद का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं मिला था। वहीं विरोधी इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि महेंद्र हार्डिया की उम्र भी 70 साल हो चुकी है। चार बार चुनाव लड़ चुके हैं, इसलिए नए प्रत्याशी का हक बनता है। बूथ, मंडल अध्यक्ष व पदाधिकारियों का आरोप है कि विधायक पुराने कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। कई कार्यकर्ता नाराज होकर घर बैठ चुके हैं।
छतरपुर सीट से बीजेपी ने पूर्व मंत्री ललिता यादव को उम्मीदवार बनाया है। उनके नाम की घोषणा के बाद 2018 में बीजेपी प्रत्याशी रहीं अर्चना गुड्डू सिंह ने रविवार को जटाशंकर तक कावड़ यात्रा निकाली। जिसे संबोधित करते हुए वो भावुक हो गईं। रुंधे गले से अर्चना ने लोगों का समर्थन मांगा और बाद में फफक कर रोने लगीं। बता दें कि 2018 के चुनाव में बीजेपी ने अर्चना सिंह को छतरपुर से टिकट दिया था। वे 3495 वोटों से हार गई थीं। वहीं ललिता यादव को बीजेपी ने बड़ा मलहरा से चुनाव लड़ाया था। वे 15779 वोटों से हार गई थीं। अर्चना सिंह के समर्थक हार के अंतर को आधार बनाकर टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं।
गुना जिले की चाचौड़ा सीट से बीजेपी की विधायक रहीं ममता मीणा ने सोमवार को बीना गंज में शक्ति प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मेरे साथ बहुत बड़ी साजिश हुई है। जब मैंने कहा कि मुझे जिला पंचायत का अध्यक्ष बनवा दो, तो कहा गया कि तुम्हें अध्यक्ष बनना है या विधानसभा का टिकट लेना है। शक्ति प्रदर्शन में ममता मीणा के समर्थक बड़ी संख्या में जुटे। उन्होंने टिकट बदलने की मांग की है। चाचौड़ा सीट पर बीजेपी ने आईआरएस अफसर प्रद्युम्न मीणा की पत्नी प्रियंका मीणा को टिकट दिया है। प्रियंका ने ममता मीणा के खिलाफ जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। वे ढाई सौ से कम वोटों के अंतर से हार गई थीं।
झाबुआ में भानू भूरिया को बीजेपी प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सोमवार को 1000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने बारिश के बीच रैली निकाली और बीजेपी प्रत्याशी बदलने की मांग की। झाबुआ में मौजूदा बीजेपी जिला अध्यक्ष भानू भूरिया को टिकट देने के बाद स्थानीय कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया बीजेपी प्रत्याशी पर एमपी से गुजरात में अवैध तरीके से शराब तस्करी करने का आरोप लगा चुके हैं।
बुधवार को सोनकच्छ से आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर का घेराव कर दिया। ये कार्यकर्ता देवास की सोनकच्छ सीट पर प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे थे। इन्होंने तोमर की गाड़ी रोक ली और जमकर नारेबाजी की। बीजेपी ने देवास की सोनकच्छ सीट से राजेश सोनकर को टिकट दिया है। पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा के समर्थकों का कहना है कि सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में पैराशूट लैंडिंग से राजेश सोनकर को टिकट दिया गया है। राजेंद्र वर्मा कई साल से इस सीट पर मेहनत कर रहे हैं। सोनकर अभी सिर्फ प्रत्याशी बने हैं लेकिन उन्होंने कार्यकर्ताओं का फोन उठाना ही बंद कर दिया है।
भिंड जिले की गोहद सीट पर भी अन्य सीटों जैसा ही हाल है। यहां बीजेपी कार्यकर्ता एवं सिंधिया फैंस क्लब के जिला महासचिव जोगेंद्र भीमसेन गुर्जर ने पूर्व विधायक रणवीर जाटव को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को खून से पत्र लिखा है। गुर्जर ने पत्र में लिखा है- ‘सादर प्रणाम महाराज साहब। गोहद में रणवीर जाटव को टिकट नहीं मिलने से स्थानीय कार्यकर्ताओं का भविष्य खतरे में है। उन्होंने पार्टी को खून-पसीने से सींचा है। अन्याय नहीं, न्याय चाहिए। महाराज साहब रणवीर चाहिए।’
चित्रकूट विधानसभा सीट से बीजेपी ने पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार को टिकट दिया है। इस सीट से टिकट के दावेदार सुभाष शर्मा ‘डोली’ ने रविवार को शक्ति प्रदर्शन किया। शर्मा के समर्थकों का कहना है कि सुरेंद्र सिंह को सर्वे के आधार पर नहीं बल्कि नेताओं से अच्छे संबंध के आधार पर टिकट मिला है।
सुभाष शर्मा सतना के यूथ कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष थे। फिर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। वे चित्रकूट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। उन्होंने रैली निकालकर टिकट बदलने की मांग की है। चित्रकूट से भाजपा के दूसरे नेता शंकरदयाल त्रिपाठी भी नाराज बताए जा रहे हैं।