अमेरिका में पाकिस्तान के एक डॉक्टर को 18 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पिछले साल उसे अमेरिका पर हमले करने की प्लानिंग का दोषी पाया था। इसके बाद शुक्रवार को उसे सजा सुनाई गई। न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के मुताबिक 31 साल का मुहम्मद मसूद अमेरिका में हमले करने के लिए ISIS की मदद करना चाहता था। उसने 2020 में जॉर्डन से होते हुए सीरिया जाने की कोशिश की थी।
इस कोशिश में नाकामयाब होने के बाद उसने मिनेपोलिस से लॉस एंजिल्स जाने की कोशिश जहां से मसूद को किसी ऐसे इंसान से मिलना था, जो कार्गो शिप के जरिए सीरिया तक पहुंचने में उसकी मदद करता । मसूद मिनेपोलिस की फ्लाइट पकड़ पाता इससे पहले उसे FBI ने गिरफ्तार कर लिया।
प्रोसीक्यूटर ने बताया कि मसूद अमेरिका में वर्क वीजा पर आया था। अमेरिका में संदिग्ध लोगों की जानकारी देने के लिए कुछ जासूसों को काम पर रखा गया है। इनके सामने मसूद ने जनवरी 2020 से ही अपने ISIS जॉइन करने के बारे में जानकारी दी थी।
मसूद ने बताया कि उसे लगा था कि ये लोग ISIS से जुड़े हैं। उसने आतंकी संगठन और उसके लीडर का पूरा साथ देने की कसम खाई थी। मसूद ने जासूसों को ये भी बताया था कि वो अमेरिका में ‘लोन वुल्फ’ अटैक करना चाहता था।
मसूद अमेरिकी एजेंसियों के टारगेट पर तब आया जब उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसके ISIS के समर्थन में किए गए पोस्ट मिले। इसके बाद मसूद की ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए उसे कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में लाया गया जो अमेरिकी एजेंसियों के लिए काम कर रहे थे।
मसूद ने उनके सामने बताया कि वो डॉक्टर है जो मेडिकल वीजा पर अमेरिका आया है। वो सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के पास उत्तरी ईरान जाना चाहता है, ताकि वो अपने ISIS के घायल भाइयों के लिए लड़ सके।
दरअसल, ISIS ने इराक और सीरिया के कुछ इलाकों पर 2014 में कब्जा कर लिया था। इसके लड़ाके पूरी दुनिया में फैले हैं। हालांकि, 2019 से इसकी पकड़ कमजोर हुई। अब इसके केवल 5 हजार से 7 हजार लड़ाके ही रह गए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ISIS का असर फिर से बढ़ रहा है।
अमेरिका में आतंकी हमले की साजिश रच रहे एक 17 साल के लड़के को फिलाडेल्फिया में गिरफ्तार किया गया है। इंडिपेंडेन्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लड़के के संबंध अल-कायदा से थे और ये एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा था।