उन्नाव/चकलवंशी। गंगा की बाढ़ से गिरे गांव के लोगों के लिए कुछ राहत भरी खबर है। कई दिनों से लगातार बढ़ रहा जलस्तर अब घटना शुरू हुआ है। शनिवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक गंगा के जलस्तर में दो सेमी की कमी आई है। यह 113.210 से घटकर 113.190 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि गांव अभी भी बाढ़ के सैलाब से घिरे हैं। सड़कों पर पानी भरा है। सडक़ किनारे डेरा जमाए ग्रामीण प्रशासनिक व्यवस्था को कोस रहे हैं।
ब्लाक सरोसी क्षेत्र की ग्राम पंचायत भदेवना, प्यारेपुर, सथरा आदि के कई मजरों में पानी घुस गया है। आंट घुसौली से बरकोता जाने वाले संपर्क मार्ग पर ग्रामीणों ने सडक़ पर बनी पुलिया से गांव व फसलों में पानी न पहुंचे, इसके लिए पुलिया को मिट्टी की बोरियां लगाकर बंद किया गया है। भदेवना के ग्राम प्रधान शांति देवी के पति नंदकिशोर ने जेसीबी से बांध बंधवा दिया है। जिससे भदेवना गांव में बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाया है। किसानों में दीनदयाल, वीरेंद्र कुमार, सरवन, रामसेवक, कल्लू, रमेश आदि ने बताया कि तरोई, लौकी, कद्दू, मूली आदि की सब्जियां पानी में डूब गई हैं। वहीं मक्का की फसल सड़ने लगी है।
सड़क किनारे डेरा जमाए हैं ग्रामीण
अचलगंज। सिकंदरपुर कर्ण के कोलुहागाढ़ा, मझरा, टेढ़वा, बलाई पंचमपुर, छड़ाऊवाखेड़ा, मालमऊ, बलियाखेड़ा व बंदीपुर आदि गांवों को सैलाब ने घेर रखा है। लोग अपनी गृहस्थी व जानवर लेकर सड़क किनारे डेरा जमाए हैं। मझरा के सियाराम ने सड़क किनारे पन्नी लगाई है। कहा कि सरकारी मदद के लिए पूरे विकासखंड में एकमात्र कोलुहागाढ़ा में ही राहत शिविर है। वहीं, टेढ़वा गांव की महिलाओं ने राशन वितरण में धांधली होने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने बिजली कट जाने से मिट्टी का तेल उपलब्ध कराने की मांग की।
फतेहपुर चौरासी। क्षेत्र में गंगा का जलस्तर घटने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में समस्याएं जस की तस बनी हुई है। गांवों के चारों तरफ पानी भरा होने से पशुओं के चारे की भी समस्या बनी हुई है। खैरागाड़ा के रामासरे, रामबाबू, नीलेश यादव, नेकपुर के प्रकाश, कल्लू, सिपाही लाल व यदुवीर ने बताया कि बाढ़ का पानी चारों तरफ होने से पशुओं के चारे की समस्या है। गांव से पांच से सात किमी दूर पशुओं को राजेपुर क्षेत्र में चरा रहे हैं।