सरकार ने आज यानी 27 अगस्त से सभी किस्म के बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है। यह बैन उन सभी चावल के एक्सपोर्ट पर होगा, जो 1200 डॉलर यानी करीब 99,058 रुपए प्रति टन से कम की रेट से एक्सपोर्ट किए जाते है। यह बैन अस्थाई रूप से लगाया गया है।
इसके पहले सरकार ने शुक्रवार 25 अगस्त से पार-बॉयल्ड राइस यानी उबले चावल के एक्पोर्ट पर 20% ड्यूटी लगाने का फैसला किया, जो 16 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगा। सरकार के इस फैसले से ग्लोबल मार्केट में चावल की कीमतें और बढ़ जाएंगी।
इस साल सरकार ने चावल की कई किस्मों के एक्सपोर्ट पर बैन या प्रतिबंध लगाया है। पिछले साल भारत ने 74 लाख टन उबले चावल का एक्सपोर्ट किया था। मुंबई के एक डीलर ने बताया कि चावल की दूसरी किस्मों पर बैन के कारण उबले चावल की खरीद रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थी। डोमेस्टिक स्टॉक को मेंटेन रखने के लिए सरकार को यह फैसला लेना पड़ा।
इस एक्सपोर्ट ड्यूटी के बाद पार-बॉयल्ड राइस की कीमत पाकिस्तान और थाईलैंड जितनी हो जाएगी। अब इंपोर्ट के लिए विदेशी व्यापारियों के पास कोई सस्ता ऑप्शन नहीं बचेगा। दुनिया के टोटल चावल एक्पोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 40% से ज्यादा है।
जुलाई में सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश में चावल की कीमतों में तेजी को रोकने और डोमेस्टिक सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था। इस बैन से दुनिया भर में चावल की कीमतें 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।