– ग्रामीण बोले- वोट लेने के बाद मुड़कर भी नहीं देखते जनप्रतिनिधि
दलदल वाले मार्ग से गुजरते ग्रामीण।
फतेहपुर। जिले के एक गांव के हालत आज भी ऐसे हैं कि यहां मूलभूत सुविधाओं से लोग तरस रहे हैं। ऐसा तब है जब देश को आज़ाद हुए सात दशक पूरे हो गए। आजादी के बाद आज देश में विकास की बात की जाती है, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं के लिए ग्रामीणों को सपना देखने जैसा प्रतीत हो रहा है।
असोथर ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत सरकंडी मजरे छकना का डेरा गांव की आबादी तकरीबन 500 के आसपास है। यहाँ के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं। किसी भी गांव के भविष्य और विकास के लिए सड़क और पानी सबसे मूलभूत सुविधाएं हैं लेकिन गांव की हकीकत यह है कि यहां आजादी के बाद से ही सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। हालांकि सरकार और जिले के नुमाइंदे व जनप्रतिनिधि मूलभूत सुविधाओं का दावा जरूर करते हैं। ग्रामीण लाल सिंह, भोला निषाद, राम खेलावन उर्फ बड़कू, राम दुलारी निषाद आदि का कहना है कि उनके गांव में आजादी के बाद से अब तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, बरसात के दिनों में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि जब चुनाव का समय आता है तो वोट मांगने आते हैं। बदले में आश्वासन देते हैं कि उनके और क्षेत्र के लिए विकास का काम किया जाएगा लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद विकास तो छोड़िए कोई भी जनप्रतिनिधि गांव की तरफ पलट कर देखने तक नहीं आता।