हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लटका ताला।
बहुआ/फतेहपुर। स्वास्थ्य विभाग भले ही जनता को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने का लाख दावा कर लें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है। ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए पूरे तामझाम के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआ के अंतर्गत 14 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले गए हैं लेकिन इन सेंटरों में टीकाकरण वाले दिन को छोड़कर बाकी दिनों सेंटरों में अक्सर ताला लटका रहता है। इससे आस-पास के लोग इलाज सहित अन्य सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं। लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर है जो मरीजों के इलाज करने के नाम पर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सोमवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर किछौंछा में दोपहर दो बजे ताला लटकता रहा। हालांकि बनरसी, फुलवामऊ, फतेहनगर करसूमा इन सेंटरों पर सीएचओ ओपीडी में मौजूद रही। किछौंछा सेंटर पर ताला लगा होने पर मरीज वापस लौट गए। वेलनेस सेंटर चालू होने के बाद भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की घोषणा कागजों तक सिमट कर रह गई है। किछौंछा गांव के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नियुक्त सीएचओ के केंद्र पर रोजाना न पहुंचने से ग्रामीण काभी परेशान हैं। सेंटर बंद होने से निजी चिकित्सक के शरण में जाने के लिए विवश हो गए हैं। ग्रामीण धर्मेंद्र, रमेश सिंह, सिप्पी, सुरेश आदि ने बताया कि केंद्र बंद रहने से परेशानी होती है। इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बहुआ के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. शैलेन्द्र गौतम ने बताया कि जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। सेंटर बंद होना लापरवाही है। किसी भी दशा में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।