विदेश से राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को G20 समिट की बैठक होगी। इसमें कई ग्लोबल लीडर्स शामिल होने वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन समिट के लिए 7 सितंबर को ही भारत आ जाएंगे। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस समिट के लिए आ सकते हैं। टाइम्स नाओ के मुताबिक, दिल्ली में जिनपिंग और उनके डेलिगेशन के लिए होटल ताज पैलेस बुक किया गया है।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए होटल ITC मौर्य, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक और जर्मन चांसलर ओलफ शोल्ज के लिए होटल शांगरी-ला बुक किया गया है। वहीं कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को समिट के लिए भारत आने की घोषणा की।
मीडिया हाउस वियॉन के मुताबिक, इस शिखर सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, जापान के PM फुमियो किशिदा, सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान समेत 25 से ज्यादा बड़े नेता शामिल होंगे। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत नहीं आने की घोषणा की थी।
सोमवार को PM मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि सम्मेलन में उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हिस्सा लेंगे। G20 के सदस्य देशों के अलावा, इस समिट के लिए भारत ने कई दूसरे देश जैसे बांग्लादेश, UAE, सिंगापुर और ओमान को भी न्योता दिया है।
2008 में G20 की समिट लेवल मीटिंग शुरू होने के बाद से ये पहला मौका है, जब भारत को इसकी अध्यक्षता करने का मौका मिला है। इसे देखते हुए दिल्ली में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से G20 के लिए जिन होटलों की बुकिंग की गई है, उनकी लिस्ट नीचे लिखी है…
ITC मौर्य: राष्ट्रपति बाइडेन और अमेरिकी डेलिगेशन के लिए बुक्ड
होटल ताज पैलेस: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके डेलिगेशन के लिए रिजर्व्ड
होटल शांगरी-ला: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और जर्मन चांसलर ओलफ शोल्ज के लिए।
द क्लैरिजेस होटल: राष्ट्रपति मैक्रों और उनके साथ आ रहे दूसरे फ्रांसीसी अधिकारियों के लिए बुक
इम्पीरियल होटल: ऑस्ट्रेलिया के PM एंथनी अल्बनीज के लिए रिजर्व
लीला पैलेस: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और उनके साथ आ रहे डिप्लोमैट्स के लिए।
द ललित: कनाडा और जापान के डेलिगेशन के लिए बुक
द ओबरॉय: रूसी डेलिगेशन के लिए रिजर्व किया गया है।
इसके अलावा भी कई बड़े होटलों को अलग-अलग देशों के लीडर्स और प्रतिनिधियों के लिए बुक किया जा चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अफसर बाइडेन की यात्रा के लिए ITC मौर्य में सभी प्रबंधों का जायजा ले रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रपति बनने के बाद ये पहला मौका है, जब बाइडेन भारत दौरे पर आ रहे हैं। ऐसे में ये यात्रा दोनों देशों के रिश्तों के लिए अहम हो सकती है।
अगर जिनपिंग भारत आते हैं, तो उनका ये दौरा ऐसे समय में होगा जब हाल ही में ब्रिक्स समिट के दौरान शी-मोदी की बातचीत हुई थी। तब दोनों नेताओं के बीच तनाव कम करने और लद्दाख में सैनिकों की तैनाती घटाने पर सहमति बनी थी। हालांकि, इस कुछ दिन बाद ही सोमवार को चीन ने अपने स्टैंडर्ड मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना क्षेत्र बताया।