हापुड़ की घटना के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ता, पुतला दहन कर जताई नाराजगी

प्रयागराज।हापुड़ में वकीलों पर बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट और जिला न्यायालय के अधिवक्ता बुधवार को हड़ताल पर रहे। वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए पुतला भी दहन किया।

हापुड़ में वकीलों पर बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिववक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। यूपी बार काउंसिल ने इसकी घोषणा मंगलवार को ही कर दी थी। वकीलों ने बैठक कर घटना की कड़ी निंदा की और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। इसी तरह जिला कचहरी के अधिवक्ताओं ने भी हापुड़ की घटना को लेकर न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। बैठक कर घटना की कड़ी निंदा की गई।

हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ता बुधवार को हड़ताल पर रहे। मंगलवार देर रात यूपी बार काउंसिल ने इसका निर्णय लिया है। बार कौंसिल ने हापुड़ के डीएम, एसपी और संबंधित सीओ का 48 घंटे के अंदर तबादला करने की मांग की। दोषी पुलिस अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई।

बार काउंसिल ने चेतावनी भी दी कि यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती तो तीन सितंबर को बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

बार काउंसिल अध्यक्ष शिव कुमार गौड़ ने बताया कि लखनऊ और उसके आसपास के जिलों के अधिवक्ताओं का आह्वान किया गया है कि वे एकजुट होकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपें। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह और सचिव नितिन शर्मा की अगुवाई में हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और यूपी बार काउंसिल को पत्र भेजकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की गई है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र नायक ने भी न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है

यूपी के हापुड़ जिले में पुलिस ने मंगलवार को अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। विरोध कर रहे अधिवक्ताओं से कोतवाली पुलिस की जमकर नोकझोंक और खींचातानी हुई। पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज कर जाम खुलवाया।

हापुड़ में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने महिला अधिवक्ता एवं उसके पिता के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भी न्यायिक कार्य नहीं किया और तहसील चौपला पर जाम लगा दिया। अधिवक्ता मुकदमा वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.