ट्रैक पर आते ही इंदौर के मेट्रो कोच की पहली झलक, भारी भरकम मशीनों से ट्रैक पर उतारा

 

 

इंदौर में आखिरकार मेट्रो कोच का इंतजार खत्म हुआ। मेट्रो के तीन कोच बुधवार देर रात इंदौर पहुंचे। गुरुवार सुबह 11 बजे मेट्रो के पहले कोच को ट्रैक पर उतार दिया गया। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों के मुताबिक कोच के कवर अभी नहीं खोले जाएंगे। इससे कोच के डैमेज होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि अभी तीनों कोचों को जोड़ दिया जाएगा। पूजा के लिए कोच का थोड़ा हिस्सा खोला जा सकता है। लेकिन पूरी तरह से शुभारंभ के दिन ही कोच से पर्दा हटाया जाएगा।

 

7 दिन पहले कोच गुजरात के सांवली से निकले थे। मंगलवार रात तक कोच इंदौर से 120 किलोमीटर दूर थे और ये दूरी बुधवार को पूरी कर ली गई। फिर इन तीनों कोच को बड़े कंटेनर में 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से लाया गया। कोच 60-60 वजनी है। करीब 800 किलोमीटर की दूरी तय कर कोच इंदौर पहुंचे हैं।

 

मेट्रो कॉरपोरेशन इंदौर भोपाल के डायरेक्टर शोभित टंडन ने कहा कि अभी कोच को पूरी तरह खोलने से उसे देखने वालों की भीड़ जमा हो सकती है। इससे कोच के डैमेज होने के साथ उसकी सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है।

मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि अगले माह के पहले पखवाड़े में मेट्रो ट्रेन ट्रैक पर नजर आएगी। इसी के साथ ट्रायल व लोकार्पण होगा। यार्ड में 25 ट्रेन रखने की क्षमता है।

 

कोचों को पटरी पर पहुंचाने के लिए फोर पाइंट जैक क्रेन मेट्रो डिपो में लाई गई है। बताया जाता है कि इसकी अनलोडिंग में समय लगेगा। कोच मेट्रो डिपो में बने स्टेब्लिंग यार्ड में ले जाकर टेस्टिंग ट्रैक पर चेक होगा फिर कोच मेट्रो के वायडक्ट पर पहुंचेगा।
इस तरह 14 सितंबर को मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन संभावित है। गांधी नगर से टीसीएस चौराहे तक 5.9 किलोमीटर ट्रैक पर मेट्रो का ट्रायल रन करना है। इस हिस्से में 5 स्टेशन आएंगे। हर स्टेशन पर 8-8 एस्केलेटर लगना हैं, लेकिन अभी सिर्फ 2 स्टेशन पर 3 एस्केलेटर लगे हैं। एक स्टेशन पर एस्केलेटर का काम जारी है। गांधी नगर में बने डिपो में यार्ड का काम भी अभी अधूरा है। इसी जगह मेट्रो के कोच रख यहीं से मेट्रो ट्रेन को रैंप तक लाने की प्रक्रिया होगी।
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