जो कर रहे दवा खाने से इंकार, उनकी हो रही मनुहार

– इंकार करने वाले परिवारों को दवा खिलाने में मदद कर रहे पीएसजी सदस्य
– आईडीए राउंड के तहत लोगों को खिलाई जा रही फाइलेरिया से बचाव की दवा
फाइलेरिया की दवा खिलाती टीम।
फतेहपुर। जनपद के भिटौरा ब्लॉक के बसोहनी गांव के बाबूलाल विश्वकर्मा के घर जब गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीला फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने पहुंची तो बाबूलाल ने दवा खाने से साफ इंकार कर दिया। आशा कार्यकर्ता ने इसकी जानकारी गांव के रानी लक्ष्मी बाई फाइलेरिया रोगी सहायता ग्रुप (पीएसजी) के सदस्य संजय को दी और दवा खिलाने में सहयोग करने को कहा। आशा कार्यकर्ता के साथ संजय तुरंत ही बाबूलाल विश्वकर्मा के घर पहुंच गये। उन्होंने अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि वह खुद 15 सालों से फाइलेरिया से ग्रसित हैं और ऐसे में उन्हें दैनिक काम करने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह फाइलेरिया से बचाव से बचाव की दवा है और इसे हर किसी को खान है। मैंने अपने पूरे परिवार को यह दवा खिलाई है। मेरे बाद किसी को फाइलेरिया न हो इसलिए मैं चाहता हूं हर कोई यह दवा खाए, आप और आपका परिवार भी यह दवा खाए और फाइलेरिया के संक्रमण से बचें। इसके बाद बाबूलाल विश्वकर्मा ने तो फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई, साथ ही घर पर मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों को भी आशा कार्यकर्ता के सामने दवा खिलाई। इसी प्रकार ग्रुप के सदस्य संजय लगातार मरीजों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने में पूरा सहयोग कर रहे है। गांव में प्रमोद पटेल की पत्नी ने फाइलेरिया रोधी दवा तो खाई लेकिन प्रमोद ने इंकार किया हालांकि बाद में समझाने पर प्रमोद ने भी दवा खाई। इसी प्रकार दवा खाने से इंकार कर रहे वीरेंद्र पाल और नंगा रैदास को भी समझा कर अपने सामने दवा खिलाई गई। इसी प्रकार तेलियानी विकास खंड के ग्राम पंचायत कांधी के रमेश और उनके परिवार के सदस्यों ने दवा खाने से मना कर दिया, बोले-दवा खाने के बाद बुखार आता है। हमें फाइलेरिया नहीं है तो दवा क्यों खायें। इस पर ग्रुप के सदस्य अमरनाथ ने रमेश के घर पहुंचकर समझाया और बताया कि फाइलेरिया से बचाव की दवा है, इसे खाना अनिवार्य है। अमरनाथ के समझाने के बाद रमेश ने स्वयं दवा खाई और अपने परिवार वालों को भी खिलाई। पूरी तरह से सुरक्षित है। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएं। दवा खाली पेट नहीं खानी है। फाइलेरिया से बचाव की दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। कई परीक्षणों के बाद यह दवा आमजन को सेवन के लिए दी जा रही है। इसे हर किसी को जरूर खान है। उन्होंने बताया कि दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं। ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतःठीक हो जाती है। किसी भी विशेष परिस्थिति में सीएचसी अथवा आशा कार्यकर्ता के माध्यम से रैपिड रिस्पांस (आरआर) टीम का सहयोग लिया जा सकता है। फाइलेरिया उन्मूलन के सर्वजन दवा सेवन अभियान का मॉपअप राउंड मंगलवार से शुरू हो चुका है, यह दो सितंबर तक चलेगा। मॉपअप राउंड में उन लोगों को दवा खिलाई जाएगी जो लोग दवा खाने से छूट गये हैं अथवा खाने से इंकार कर रहे हैं।

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