मोदी-बाइडेन 8 सितंबर को करेंगे द्विपक्षीय बैठक, G-20 समिट से पहले रूस-यूक्रेन जंग के असर और गरीबी जैसे मुद्दों पर करेंगे चर्चा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 7 सितंबर को भारत के दौरे पर आ रहे हैं। वो 9-10 सितंबर को दिल्ली में होने वाली G-20 समिट में शामिल होंगे। इससे ठीक एक दिन पहले 8 सितंबर को बाइडेन PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। शनिवार को व्हाइट हाउस ने ये जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने बताया- दोनों नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन जंग पर बातचीत होगी। इस दौरान इकोनॉमिक और सोशल लेवल पर जंग के असर को कम करने पर चर्चा होगी। इसके अलावा दोनों नेता गरीबी से लड़ने के लिए वर्ल्ड बैंक सहित दूसरे मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक की क्षमता बढ़ाने और दूसरे कई ग्लोबल चैलेंज पर भी बात करेंगे।
दिल्ली यात्रा के दौरान बाइडेन G-20 के लिए PM मोदी के नेतृत्व की भी सराहना करेंगे। साथ ही वो आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के तौर पर G-20 के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करेंगे। 2026 में अमेरिका ही G-20 समिट की मेजबानी करने वाला है।
बाइडेन भारत में हो रहे G-20 समिट में शामिल होने की पुष्टि करने वाले शुरुआती नेताओं में से एक हैं। भारत दौरे के वक्त वो दिल्ली के ITC मौर्या होटल में रुकेंगे। बाइडेन की सुरक्षा के लिए अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की टीम 3 दिन पहले ही भारत पहुंच जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन सीक्रेट सर्विस के 300 कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहेंगे।
दिल्ली की सड़कों पर निकलने वाला सबसे बड़ा काफिला भी उनका ही होगा, जिसमें 55-60 गाड़ियां शामिल होंगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन के लिए दुनिया की सबसे सेफ कार ‘द बीस्ट’ को भी भारत लाया जा सकता है। इसी कार में बैठकर वो G-20 समिट के लिए जाएंगे।
बाइडेन के अलावा इस समिट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के PM एंथनी अल्बनीज, जापान के PM किशिदा, सहित कई बेड़ा नेता मौजूद रहेंगे। रूस के राष्ट्रपति पुतिन पहले ही समिट न शामिल होने की बात कह चुके हैं। उन्होंने PM मोदी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। उनकी जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शिखर सम्मेलन में मौजूद रहेंगे।
दूसरी तरफ समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शामिल होने पर भी संदेह बना हुआ है। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि जिनपिंग इस सम्मेलन में नहीं जाएंगे। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग मौजूद रहेंगे। हालांकि, अभी चीन या भारत की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। बता दें कि ये पहला मौका है जब भारत इस समिट की मेजबानी कर रहा है।