नॉर्थ कोरिया ने येलो सी में क्रूज मिसाइलें दागीं, साउथ कोरिया ने कहा- हम खतरे से निपटने के लिए तैयार
विदेश: नॉर्थ कोरिया ने येलो सी में कई क्रूज मिसाइलें दागीं हैं। इस बात की जानकारी साउथ कोरिया की सेना ने दी है। नॉर्थ कोरिया ने शनिवार सुबह को ये मिसाइले लॉन्च की है। इससे कुछ दिन पहले ही नॉर्थ कोरिया ने अपने पूर्वी तट के पास दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था। नॉर्थ कोरिया ने इसे साउथ कोरिया पर सिम्युलेटेड न्यूक्लियर स्ट्राइक कहा था।
साउथ कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने अपने बयान में बताया कि मिसाइलों को यलो सी की तरफ लांच किया गया। इन्हें स्थानीय समय के मुताबिक शनिवार सुबह 4 बजे लॉन्च किया गया था। अमेरिका और साउथ कोरिया की इंटेलिजेंस एजेंसियां लॉन्चिंग डिटेल्स की जांच कर रही हैं। साउथ कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक जॉइंट चीफ ने कहा कि हमारी सेना अमेरिका के साथ मिलकर अपनी तैयारियों को बरकरार रखा है।
नॉर्थ कोरिया ने 3 दिन में ये दूसरा मिसाइल परीक्षण किया है। इससे पहले गुरुवार यानी 31 अगस्त को दो शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च किया था। ये सिम्युलेटेड न्यूक्लिर अटैक एक्सरसाइज साउथ कोरिया के मिलिट्री कमांड सेंटर्स और एयरफील्ड को निशाना बनाने की तैयारी के मकसद की गई थी। इस परीक्षण के बाद नॉर्थ कोरिया ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो साउथ कोरिया पर कब्जा भी करेंगे।
इस सिम्युलेशन को साउथ कोरिया और अमेरिका के बीच 11 दिन तक चले युद्धाभ्यास के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इस युद्धाभ्यास को नॉर्थ कोरिया लगातार उस पर हमले की तैयारी के तौर पर बता रहा था। इस युद्धाभ्यास के दौरान एक अमेरिकी B-1B बमवर्षक विमान ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर से उड़ान भी भरी।
मार्च में नॉर्थ कोरिया ने कई इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) सहित दूसरी मिसाइलों की टेस्टिंग की थी। देश ने पहली बार अपने परमाणु हथियार दुनिया के सामने पेश किए थे। इस दौरान नॉर्थ कोरिया ने और भी खतरनाक परमाणु हथियार बनाने की बात कही थी।
न्यूक्लियर एक्सपर्ट्स का मानना है कि नॉर्थ कोरिया के हथियार बेशक छोटे हैं फिर भी इन्हें इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों पर लगाकर अमेरिका और साउथ कोरिया में तबाही मचाई जा सकती है। सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्यून सू के मुताबिक मार्च में ऑफिशियली दिखाए गए नॉर्थ कोरिया के परमाणु हथियार 2016 के मुकाबले बड़े हैं। इससे परमाणु हथियार बनाने में उनकी तरक्की साफ दिख रही है।