‘गदर फिल्म को इंडस्ट्री ने गटर कहा था’, अनिल शर्मा बोले- दूसरा पार्ट अनाउंस किया तो कहा सनी देओल खत्म हो चुके हैं

 

बॉलीवुड फिल्म गदर 2 का कलेक्शन करीब 500 करोड़ हो गया है। 22 साल बाद गदर का सीक्वल बनाया गया है। यह दर्शकों को खूब पसंद आ रही है। इस फिल्म को अनिल शर्मा ने डायरेक्ट किया है। अनिल शर्मा रविवार को जयपुर आए। इस दौरान उन्होंने बताया कि पिछली बार इंडस्ट्री के लोगों ने गदर को गटर कह दिया था। जब गदर 2 अनांउस हुई तो लोगों ने यह कहा कि अनिल शर्मा और सनी देओल खत्म हो चुके हैं। पब्लिक स्वागत कर रही है। इसके साथ अनिल ने शाहरुख खान और सनी देओल के रिश्ते पर भी बात की।

 

 

सवाल: फिल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं? अब तक कितना कलेक्शन हो गया।
अनिल शर्मा- जयपुर को बहुत बहुत बधाई, प्रभु की कृपा है। आज पांच सौ करोड़ रुपए का कलेक्शन हो जाएगा। ऐसा सौभाग्य बहुत मुश्किल से मिलता है। जनता का प्यार है, जिन्होंने यह सब संभव किया।

 

 

सवाल: गदर को फिर से रिक्रिएट करना कितना आसान और कितना मुश्किल रहा?
अनिल शर्मा- गदर 2 को रिक्रिएट करना आसान तो नहीं था, इतने साल हो गए थे। हमें कहानी नहीं मिल रही थी। कई साल से गदर 2 बनाना चाहते थे। दर्शकों की तरफ से डिमांड भी आ रही थी कि इस फिल्म का दूसरा पार्ट बने। इतने बरस गुजर गए। कहानी की तलाश थी। जब कहानी मिल गई, तो सब कुछ आसान हो गया।

 

 

सवाल- आप भारत-पाकिस्तान के दिल मिलाने की बात करते हैं, आपकी फिल्म ने शाहरुख और सनी के दिल मिलवा दिए?
अनिल शर्मा- शाहरुख और सनी कभी अलग ही नहीं थे। कभी टूटे ही नहीं थे। यह तो एक परसेप्शन बना दिया गया कि वे अलग-अलग हैं। दोनों इंडस्ट्री का अहम हिस्सा हैं। इंडस्ट्री में सारे सितारे एक-दूसरे से प्यार करते हैं। यह सही है कि सनी सर के घर पर रात को एक सक्सेस पार्टी रखी गई थी। इसमें शाहरुख सर आए, उन्होंने बताया कि गदर 2 देखी और उन्हें पसंद आई। उन्होंने बधाई दी। अब उनकी जवान रिलीज होने वाली है। हम जवान देखने जाएंगे। बधाई देने जाएंगे। यह एक जैसी बात है।

 

 

सवाल- आपका बेटा उत्कर्ष पहली फिल्म में भी था और इस बार भी दिखा, क्या कहेंगे?
अनिल शर्मा-
उत्कर्ष ने बचपन में गदर की थी। 22 साल बाद जवानी में गदर 2 की है। मेरे हिसाब ये यह दुनिया की ऐसी पहली फिल्म है, जिसने पहले पार्ट में बच्चे का रोल किया है। उसी ने पार्ट 2 में वही किरदार आगे बढ़ाया है। ऐसा कभी हुआ नहीं है। उसने बहुत अच्छा काम किया है। पिता और डायरेक्टर के रूप में उनके लिए दुआ करता हूं।

 

 

सवाल- अमरीश पुरी साहब को कितना मिस किया और यह ट्रिब्यूट की तरह था?
अनिल शर्मा- यह सही है कि हमने अमरीश पुरी साहब को बहुत मिस किया। आनंद बक्शी साहब को बहुत मिस किया। गदर के वक्त के कुछ लोग जो नहीं रहे। उन सभी की कमी जरूर खली।

 

सवाल- म्यूजिक इसकी जान रहा है, इसे इसमें भी जारी रखा गया?
अनिल शर्मा-यह सही है कि म्यूजिक इस फिल्म की जान रहा है। गदर के आनंद बक्शी जी के दो गानों को इस बार भी यूज किया गया। इसे मिथुन ने रिक्रिएट किया। मिथुन ने तीन नए गाने बनाए। मोंटी शर्मा ने इसका बैकग्राउंड म्यूजिक दिया। यह बहुत खास रहा हमारी फिल्म में।

 

सवाल- गदर 2 सिंगल स्क्रीन के लिए वरदान साबित हुई है, क्या कहेंगे?
अनिल शर्मा- सिंगल स्क्रीन बंद होने जा रहे थे, इन्हें चलाने में परेशानी हो रही थी। बहुत सारे सिंगल थिएटर्स के मालिकों के फोन भी मेरे पास आए। उन्होंने बहुत खुशी भी जाहिर की। यह बड़ी अच्छी बात है। क्योंकि भारत छोटे शहरों में बसता है। मेजर भारत तो वही है। कॉस्मोपॉलिटिन सिटीज तो बहुत कम हैं। वहां 15 से 20 प्रतिशत आबादी है। 80 प्रतिशत लोग सिंगल स्क्रीन वाले हैं। यही अच्छा वक्त है। जब उन तक फिल्म पहुंची है। मेरा भी मानना है कि सिंगल स्क्रीन का रोमांच बना रहना चाहिए। गदर 2 के बाद एक ऐसी लहर आई है। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में जो वे फिल्में बनाना चाहते हैं। वे पूरे भारत को फोकस करने वाली होंगी, न कि चंद लोगों के लिए।

 

 

सवाल- गदर की सक्सेस को किस तरह देखते हैं?
अनिल शर्मा- लोगों ने गदर के पहले हिस्से को बहुत प्यार दिया। गदर 2 आई तो उसे भी वैसा ही प्यार दिया। दूसरा उसके कथानक को बहुत पसंद किया गया। फिल्म के किरदार तारा, सकीना, जीते 22 साल से लोगों को आज तक याद रहे। डायरेक्टर, राइटर, म्यूजिक डायरेक्टर, आर्ट डायरेक्टर, कैमरा मैन के काम में जो सच्चाई दिखी है। उसी वजह से हमें सक्सेस मिली है।

 

 

सवाल- पहली गदर को लोगों ने गटर तक कहा था, इस पर भी बातें बनाई गई?
अनिल शर्मा- पिछली बार भी गदर को गटर कह दिया गया था। जब गदर 2 अनांउस हुई तो लोगों ने यह कहा कि अनिल शर्मा, सनी देओल खत्म हो चुके हैं। इनके पास गदर जैसा झुनझुना है। जो चल गया गलती से। पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि यह चल गया। अब सभी उसे भुनाने में लगे हुए हैं। हमने कभी भी गदर के टाइटल को भुनाने की नहीं सोची थी। भुनाना होता तो 22 साल नहीं लगते। कभी भी इसे बनाकर रिलीज कर देते।

 

 

हमें जब तक 100 प्रतिशत दिल को छूने वाली कहानी नहीं मिली। तब तक हमने इसे अनांउस नहीं किया। जिस लम्हे में हमें गदर 2 की कहानी मिली। हमने फिल्म अनाउंस कर दी। उसके बाद लोगों ने टेढ़े मेढ़े रिएक्शन दिए। लोग कहते रहे। रिलीज के टाइम पर भी कहा। लोगों ने कहा- हमारा वीएफएक्स खराब है। इस फिल्म में हमने वीएफक्स न के बराबर यूज किया है। सारे रियल सीन हैं। लोगों या क्रिटिक्स की तो आदत हो गई है, क्रिटिसाइज करने की। करो भाई, वे अपनी अक्ल का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम अपनी अक्ल का इस्तेमाल कर रहे हैं। पब्लिक स्वागत कर रही है। जो प्यार देगा पब्लिक को और जो ज्यादा प्यार देगा, पब्लिक उसकी हो जाएगी।

 

 

सवाल- देओल फैमिली से आपके रिश्ते खास हैं, किस तरह का अनुभव रहा है?
अनिल शर्मा- मैंने अमिताभ बच्चन से लेकर अक्षय कुमार, गोविंदा, रजनीकांत, सलमान खान साहब के साथ काम किया है। कुछ जगह रिश्ते बन जाते हैं। धरम जी का मैं बचपन से फैन रहा हूं। बतौर असिस्टेंट मैंने उनके साथ द बर्निंग ट्रेन में काम किया। तब मैं 17-18 साल का था। वहां से उनके साथ मेरा रिश्ता बन गया। फिर हुकूमत आई तो मुझे लगा कि इसके लिए धर्मेन्द्र जी ही सही हैं। उन्हें अप्रोच करना आसान है। मैंने उनके साथ यह फिल्म बनाई। हुकूमत इतनी बड़ी हिट हुई। उस समय भी लोग थिएटर से दूर हो रहे थे। उस फिल्म ने दर्शकों को वापस थिएटर से जोड़ा। वह बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गई। फिर सनी के साथ काम करते रहे। गदर 2 के आखिर में हमने संकेत दे दिए हैं। गदर 3 भी बनाएंगे। उसे भी लोगों के सामने लाएंगे। उसमें भी तारा, सकीना और जीते जरूर नजर आएंगे।

 

 

सवाल- जयपुर में आपने वीर फिल्म शूट की थी, आमेर महल की दीवार भी टूटी, किस तरह की यादें रहीं?
अनिल शर्मा- वीर से जुड़ी खास यादें हैं। हमने जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर और उदयपुर में शूटिंग की। आमेर महल में हम शूट कर रहे थे। तब लोग इतने आ गए थे कि एक दीवार टूट गई थी। उसका बहुत अफसोस है। उस दीवार को हमने बनवा भी दिया था। हमें काफी उलझन आई थी। मगर यहां के प्रशासन और लोगों ने हमें सपोर्ट किया। फिल्म बन गई। इस शहर का नाम गुलाबी शहर है। यहां के लोगों के दिल भी गुलाबी हैं। यहां बहुत ज्यादा प्यार देते हैं। यहां के लोग कला और फिल्मों से जुड़े हुए हैं। आप देखिए सबसे ज्यादा शूटिंग राजस्थान में होती है। पब्लिक का सहयोग हमें मिलता है। शूटिंग भी आसानी से हो जाती है।

 

 

सवाल- पहले लगान जैसी फिल्म और अब अक्षय की ओएमजी 2 जैसी फिल्में सामने रही, किस तरह रहा सफर?
अनिल शर्मा- जब दो फिल्में एक साथ आती हैं और चलती हैं तो फिल्मों का उत्सव हो जाता है। तब भी उत्सव मना था। आज भी उत्सव जैसा माहौल है। मैं तो बहुत खुश हूं। कोविड के बाद मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की हालात खराब सी हो गई। लोगों में थिएटर जाने की आदत कम सी हो गई। इससे दूरियां बन जाती है। पिछले महीने अगस्त में इतनी सारी फिल्में आईं कि रिकॉर्ड बनते गए। हर फिल्म को लोग देखने जा रहे थे, यह आदत बनाने वाली बात थी। यह उत्सव का माहौल बना, यह बना रहे, यही कामना है।

 

 

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