विदेश के WHO ने दुनियाभर में कोरोना के केस और वायरस से मौत का आंकड़ा बढ़ने की पुष्टि की है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसके लिए सभी देशों से कोविड-19 से जुड़ा पूरा डेटा शेयर करने की अपील की है। WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा- यूरोप में कोरोना की वजह से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है, जबकि एशिया और मिडिल ईस्ट में मौत के आंकड़ों में इजाफा हुआ है।
WHO के मुताबिक, केवल 43 देश ही कोविड से होने वाली मौत के आंकड़े साझा कर रहे हैं। वहीं सिर्फ 20 देश ऐसे हैं जो भर्ती हुए मरीजों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। संगठन ने बताया कि फिलहाल दुनिया में कोई भी एक वैरिएंट ऐसा नहीं है जो सबसे तेजी से फैल रहा हो। हालांकि, EG.5 ओमिक्रॉन बढ़ रहा है और BA.2.86 सब-वैरिएंट के 11 देशों में केस मिले हैं।
घेब्रेसियस ने कहा- भर्ती हुए मरीजों और मौत का आंकड़ा इस बात का सबूत है कि कोरोना अब हमारे बीच में ही रहने वाला है और हमें इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा। WHO ने कहा कि नॉर्दर्न हेमिस्फियर में ठंड आ रही है। ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। इसी वजह से अस्पतालों में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
करीब 1 महीने पहले WHO ने ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट EG.5 या एरीस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। जुलाई के मध्य में मिले कोरोना के मामलों में से 17% केस इसी वैरिएंट के थे। ये जून की तुलना में 7.6% ज्यादा थे। एरीस वैरिएंट का केस 31 जुलाई को ब्रिटेन में सामने आया था। इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, चीन और ब्रिटेन में ही मिल रहे हैं।
WHO ने इस साल मई में कोरोना को ग्लोबल इमरजेंसी से हटा दिया गया था। हालांकि, WHO के गवर्नर जनरल ने कहा था कि कोरोना भले ही अब ग्लोबल इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे अब कोई खतरा नहीं है। दुनिया में अगली महामारी जरूर आएगी और ये कोवि़ड-19 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। ऐसे में हमें अभी से तैयारी करनी होगी।
कोविड से दुनिया में करीब 70 लाख लोग मारे गए। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। कोविड से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मारे गए थे। भारत में इसका पहला केस केरल में 27 जनवरी 2020 को मिला था।
आउटब्रेक इंडिया के मुताबिक, देश में अभी तक कोरोना के 4.49 करोड़ से ज्यादा केस आ चुके हैं। वायरस से 5.31 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं, वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ पार कर चुका है। देश में फिलहाल 1487 एक्टिव केस हैं।