सीएम योगी ने मनाया श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव, मंदिर के गर्भगृह में की पूजा अर्चना; बच्चो को खिलौने व चॉकलेट दिए
गोरखपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया। मुख्यमंत्री ने महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन-कीर्तन और मधुर भजनों का आनंद उठाया। मध्य रात्रि मंदिर के गर्भगृह में उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर विधि विधान से विशिष्ट पूजा अर्चना की।
रात 12 बजे प्रभु श्रीकृष्ण के प्राकट्य के उपरांत ”नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की” की मंगल धुन, सोहर गीत और घंट घड़ियाल की ध्वनि के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर उन्हें गोद में लेकर गर्भगृह से बाहर आए। लड्डू गोपाल को पालने में बैठाकर श्रद्धाभाव से उन्हें झूला झुलाया।
मंदिर के इस पारंपरिक एवं उत्सवधर्मी कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार रात लखनऊ से यहां पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया और अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर मत्था टेक पुष्पार्चन किया।
वह महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन कार्यक्रम शामिल हुए। यह कार्यक्रम सुपरिचित लोक गायक उत्तर डॉ. राकेश श्रीवास्तव के संयोजन में शाम से ही शुरू था। राकेश श्रीवास्तव व उनकी टीम के सदस्यों के अलावा सांसद रविकिशन शुक्ल ने भी झूम झूमकर श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी और अच्युतम केशवम जैसे भक्तिगीत सुनाए।
जन्माष्टमी का मुख्य धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के गर्भगृह में रात 11:30 बजे से प्रारंभ हुआ और ठीक मध्य रात्रि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोपरांत मंगल गीत व प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ।
इस अवसर पर सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, वाराणसी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में भजन कीर्तन के मध्य श्रीकृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता में राधा व कृष्ण बने बच्चों को खूब स्नेह दिया। उनसे खूब हंसी ठिठोली भी की। अपने हाथों से लड्डू खिलाया। खिलौने व चॉकलेट उपहार में दिए। इस दौरान कई मासूमों को अपनी गोद में लेकर वह काफी देर तक खिलाते रहे, प्यार-दुलार करते रहे।