राहुल बोले- भारत का नेचर बदलने की कोशिश हो रही, बेल्जियम में कहा- खड़गे को G20 में न बुलाना सरकार की सोच को बताता है

 

विदेश। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों यूरोप दौरे पर हैं। शुक्रवार को ब्रसेल्स के प्रेस क्लब में राहुल गांधी ने कहा- संविधान में भारत को यूनियन ऑफ स्टेट्स कहा गया है। हमारा मानना है कि यूनियन के सदस्यों की बातचीत होना इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।

वहीं दूसरी ओर एक और विजन है जो कि बीजेपी का विजन है। जिसमें वो मानते हैं कि सत्ता और पावर एक ही जगह होनी चाहिए। उनका मानना है कि भारत के लोगों और यूनियन के सदस्यों के बीच बातचीत को दबा देना चाहिए। ये महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के विजन के बीच की लड़ाई है।

 

 

कांग्रेस नेता ने कहा- भारत में लोकतंत्र और संस्थान पर हमला हुआ है। भारत में हिंसा और भेदभाव बढ़ा है। अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी और निचली जातियां पर हमला किया जा रहा है। भारत के नेचर को बदलने की कोशिश की जा रही है।

राहुल ने कहा- हम रूस-यूक्रेन जंग पर देश के रुख का समर्थन करते हैं। रूस से हमारे अच्छे रिश्ते हैं। विपक्ष भी इस मुद्दे पर वही स्टैंड लेता जो सरकार ने लिया है। G20 समिट पर राहुल गांधी से मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता न मिलने पर सवाल किया गया।

 

 

इस पर उन्होंने कहा- सरकार ने ये फैसला लिया है। इससे साबित होता है कि वो देश की 60% जनता का नेतृत्व करने वालों को महत्व नहीं देते हैं। यह सरकार की सोच को भी दर्शाता है। G20 की अध्यक्षता मिलने पर कांग्रेस नेता ने कहा- ये देश के लिए अच्छी बात है।

रूस और अमेरिका दोनों देशों के साथ संबंधों से जुड़े एक सवाल पर राहुल ने कहा- भारत एक बड़ा देश है। हमारे कई देशों के साथ संबंध और पार्टनरशिप है। भारत का हक है कि वो जिससे चाहे उससे रिश्ते रख सकता है।

 

 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों यूरोप दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने ब्रसेल्स में यूरोपीय यूनियन के सांसदों से मुलाकात की। राहुल की इन सांसदों से मुलाकात को एल्विना एल्मेत्सा ने होस्ट किया। उनके साथ पियरे लारोतुरो भी थे।

ये राहुल का इस साल का तीसरा विदेश दौरा है। इससे पहले वे मार्च में ब्रिटेन और जून में अमेरिका दौरे पर गए थे। राहुल का ये दौरा ऐसे समय हो रहा है जब देश की राजधानी दिल्ली में G20 समिट हो रही है। वो समिट खत्म होने के बाद भारत लौटेंगे। वहीं, भारत जोड़ो यात्रा का एक साल पूरा होने पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। राहुल इन कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।

 

 

बीते 9 साल में राहुल की 22 विदेश यात्राएं विवादित और सोशल मीडिया पर चर्चा में रही हैं। इनमें एक जर्मनी का वह दौरा भी जिसमें उन्होंने संसद में PM मोदी को गले लगाने का राज खोला था।

राहुल गांधी इससे पहले 31 मई को अमेरिका के दौरे पर गए थे। 10 दिन की विजिट में उन्होंने वॉशिंगटन, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को में प्रवासी भारतीयों को भारत में लोकतंत्र, सुरक्षा और राजनीति के मुद्दे पर संबोधित किया था।

 

 

1 जून, वॉशिंगटन, प्रेस क्लब- कांग्रेस नेता ने वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया के सवालों के जवाब दिए थे। सांसदी जाने के सवाल पर राहुल ने कहा था- मुझे 1947 के बाद मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मिली है। मैंने संसद में अडाणी को लेकर स्पीच दी थी, जिसका मुझे तोहफा मिला। इसी वजह से मुझे डिस्क्वालिफाई कर दिया गया।

 

 

राहुल ने कहा था- भारत में प्रेस की स्वतंत्रता कमजोर होती जा रही है और यह बात सभी जानते हैं। मुझे लगता है कि लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता और आलोचना को सुनना जरूरी है। मैं जो भी सुनता हूं उस पर विश्वास नहीं करता। मैं पूरे भारत में घूमा हूं। कन्याकुमारी से कश्मीर तक घूमा हूं। लाखों भारतीयों से सीधे बात की है। मुझे वो लोग खुश नहीं लगे और वो बेरोजगारी, महंगाई से बहुत परेशान हैं। लोगों में गुस्सा था।

देश में बढ़ती महंगाई और रिकॉर्ड बेरोजगारी के चलते अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को लेकर PM मोदी के दावों पर भरोसा करना मुश्किल लगता है।

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.