फतेहपुर। विजई विश्व तिरंगा प्यारा गीत के रचयिता,महान स्वतंत्रता संग्रामी पद्मश्री श्याम लाल पार्षद जी की जयंती के अवसर पर शहर के सिविल लाइन में आयोजित कवि सम्मेलन ने समारोह को यादगार बना दिया।इसके पहले विचार गोष्ठी के माध्यम से उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महा समिति के जिलाध्यक्ष नारायण बाबू ने की। विनोद कुमार गुप्त के संयोजन में हुए कवि संचालन का संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुमंत गुप्ता, शाह विधायक विकास गुप्ता, सदर विधायक चंद्र प्रकाश लोधी नगर पालिका परिषद चेयरमैन राजकुमार मौर्य, जिला कारागार अधीक्षक मो.अकरम खान द्वारा संयुक्त रूप से किया। स्वागताध्यक्ष सुरेश चन्द्र गुप्त ने नेतृत्व में अतिथियों एवं रचनाकारों का स्वागत किया गया। कवि सम्मेलन का प्रारंभ सानिया सिंह सरस्वती वंदना से की।उन्होंने पढ़ा-हिम्मत है तो वो सामने आ जाए खुशी से, भारत कभी पीछे से वार करता नहीं है। शिवशरण बंधु हथगामी ने पढ़ा-कोई मौसम हो फल नहीं जाते,पेड़ ऐसा लग गए पार्षद। हमीं हैं जो हमेशा अंधविश्वासों से लड़ते हैं, गले में हम कोई ताबीज या गंडा नहीं रखते, सुना है जबसे झंडे धार्मिक झगड़ा कराते हैं,तिरंगा के अलावा हम कोई झंडा नहीं रखते।वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर टीवी फेम लवलेश यदुवंशी ने लवलेश यदुवंशी ने श्रोताओं को रोमांचित कर दिया-वो पाकिस्तान के झंडे में चंदा चित्र है केवल,मगर भारत के हीरो चांद पर झंडा गड़ा आए। युवा कवि शिवम हथगामी ने मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया-बिना चश्मे के मेरी मां मुझे पहचान लेती है। हास्य कवि संदीप शरारती ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया-जिस चीज का परहेज बुढ़ापे में है करना,उस आइटम का मीनू बाबा देख रहे हैं।वीर रस के सीनियर कवि शैलेंद्र सिंह गुलशन ने पढ़ा-तुम ले के चांद झंडे पर ही घूमते रहो, भारत ने झंडा चांद पर भी गाड़ दिया है। हथगाम क्षेत्र के अकबरपुर चोराई की आफरीन बानो ने पार्षद जी की जयंती से मंच पर काव्य पाठ की शुरुआत की-इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए, राष्ट्र धरोहर पार्षद जी का अमर रहेगा गान, हमारा प्यारा हिंदुस्तान।