किम जोंग ट्रेन से रूस के लिए हुए रवाना, पुतिन से हथियार सप्लाई पर बातचीत के आसार

 

विदेश। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी बख्तरबंद ट्रेन से रूस दौरे पर रवाना हो गए हैं। CNN ने साउथ कोरिया के मीडिया के हवाले से ये जानकारी दी। वे प्योंगयांग के रूसी शहर व्लादिवोस्तोक जाएंगे। ये कोरोना के बाद किम जोंग की पहली विदेश यात्रा होगी। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से यूक्रेन जंग में हथियारों की सप्लाई और सैन्य सहयोग पर बात करेंगे।

दोनों नेता 10 से 13 सितंबर तक चलने वाले ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक की फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी के कैंपस जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक किम जोंग उन रूस के प्रशांत महासागर फ्लीट के नेवल बेस पीएर 33 भी जा सकते है।

 

 

माना जाता है कि किम हवाई यात्रा से डरते हैं ऐसे में वो ज्यादातर यात्राएं ट्रेन से ही करते हैं। इस ट्रेन को 1949 में किम के दादा किम इल संग को स्टालिन ने गिफ्ट किया था। ये कई डिब्बों वाली इंटर-कनेक्टेड ट्रेन है। जब भी किम उत्तर कोरिया या चीन की यात्रा करते हैं तो उनका सारा लाव-लश्कर इसी ट्रेन में उनके साथ होता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक रूस नॉर्थ कोरिया से ऑर्टिलरी शेल्स और एंटी टैंक मिसाइल चाहता है। इसके बदले में नॉर्थ कोरिया रूस से सैटेलाइट और न्यूक्लियर सबमरीन टेक्नोलॉजी की मांग करेगा। इसके अलावा किम जोंग उन अपने देश के लिए खाद्य सहायता भी चाहते हैं। दरअसल, नॉर्थ कोरिया में अनाज की काफी किल्लत रहती है, जबकि रूस 2017 में दुनिया में सबसे ज्यादा अनाज उगाने का रिकॉर्ड बना चुका है।

 

 

6 सितंबर को व्हाइट हाउस ने पुतिन और किम के बीच होने वाली हथियारों की डील को लेकर चेतावनी दी थी। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा था कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को लेकर उच्चस्तरीय बातचीत लगातार बढ़ रही है। हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी देने से अधिकारियों ने मना कर दिया था। नॉर्थ कोरिया और रूस, अमेरिका के धुर विरोधी देश माने जाते है।

अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता एड्रीइने वॉटसन ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि दोनों नेताओं के बीच हथियारों की बिक्री होने वाली है। हम नॉर्थ कोरिया से कहना चाहते हैं कि वह रूस से हथियारों की डील को लेकर बातचीत रोक दे।

 

 

साथ ही रूस को हथियार न देने या बेचने के अपनी बात पर बने रहे। रूस-यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका की कोशिश है कि रूस को हथियारों की सप्लाई न हो पाए। इसके लिए वह लगातार चीन और नॉर्थ कोरिया पर रूस के हथियार न देने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक रूस को हथियार देने की नॉर्थ कोरिया की पिछली डील अमेरिका दबाव के चलते रद्द हो गई थी।

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया में 1990 के दशक में खतरनाक अकाल पड़ा था। तब से वहां पर खाने की कमी है। फरवरी में एक्सपर्ट्स ने चेताया था कि अनाज के उत्पादन में कमी होने की वजह से नॉर्थ कोरिया में खाने का संकट गहरा गया है। बेकार मौसम और अंतर्राष्ट्रीय पाबंदियों के चलते वहां स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

 

 

साउथ कोरिया की सैटलाइट इमेज से दिखाया था कि नॉर्थ कोरिया में साल 2022 में 2021 के मुकाबले 18 हजार टन कम अनाज पैदा हुआ था।

2022 में उत्तर कोरिया से आई एक रिपोर्ट ने दावा किया था कि अनाज की कमी को पूरा करने के लिए किम जोंग उन ने लोगों से कम खाना खाने को कहा है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक, कोरिया वर्कर्स पार्टी (WPK) की बैठक में किम जोंग ने कहा था- अब देश में फैक्ट्रियां लगाने पर काम होगा और लोगों के जीवन में सुधार लाया जाएगा। इस वक्त देश ‘जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।’

 

 

 

मीडिया ने किम की जो तस्वीर जारी की उनमें वो पहले के मुकाबले काफी दुबले नजर आ रहे थे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, देश में भोजन की कमी को देखते हुए किम जोंग ने अपनी खुराक कम कर दी थी। इसके साथ उन्होंने हालात नॉर्मल होने तक देश के लोगों को भी कम खाना खाने का आदेश दिया था।

 

 

 

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