विदेश। तुर्किये की गुफा में 3400 फीट की गहराई में फंसे एक रिसर्चर को 9 दिन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया है। इसके लिए 6 देशों के 180 लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। दरअसल, 40 साल का मार्क डिके नाम का एक रिसर्चर गुफा का मैप बनाने के लिए तुर्किये की तीसरी सबसे गहरी मोर्का केव में उतरा था।
जहां वो 2 सितंबर को बीमार पड़ने की वजह से गुफा में ही फंस गया। इसके बाद से ही उसे निकलाने के लिए ऑपरेशन चलाना शुरू कर दिया गया। उसे सोमवार रात 9 बजकर 37 मिनट पर बाहर निकाला गया। इसके बाद उसे हेलिकॉप्टर से नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मार्क डिके के पेरेंट्स ने रेस्क्यू वर्कर्स का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा हमारा बेटा अब सुरक्षित है, इससे ज्यादा हमें कुछ नहीं चाहिए। वहीं गुफा से निकाले जाने के बाद मार्क ने कहा कि उन्हें वापस जमीन पर आने के बाद अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा- मुझे लगने लगा था कि मैं गुफा में ही मारा जाऊंगा।
गुफा में पानी और कीचड़ की वजह से रेस्क्यू ऑपरेश काफी मुश्किल था। बचाव दल के लोग जैसे-जैसे नीचे उतर रहे थे अंधेरा बढ़ता जा रहा था वहीं, तापामान तेजी से घट रहा था। इससे उन्हें आगे बढ़ने में परेशानी हो रही थी।
रेस्क्यू वर्कर्स ने अमेरिकन रिसर्चर को बचाने के लिए गुफा को 6 सेक्शन में बांटा। सभी के पास अलग-अलग जिम्मेदारी थी। डॉक्टर को भी साथ ले जाया गया था, ताकि मार्क को डिके को तुरंत इलाज दिया जा सके। सबसे ऊपर तुर्किये की टीम थी, इसके बाद हंगरी, पोलैंड, इटली और सबसे नीचे बुलगेरिया की टीम थी।
जितनी गहराई में मार्क डिके फंसे थे वहां से बाहर आने में किसी भी स्वस्थ और अनुभवी व्यक्ति को 15 घंटे का समय लगता है। गुफा में न सिर्फ कीचड़, पानी की चुनौती थी, बल्कि चौड़ाई बहुत कम होने की वजह से उसमें दम घुटने का भी खतरा था। गुफा की गहराई 13 हजार फीट है।