फिलिस्तीन विवाद पर UN चीफ ने बापू को किया याद, हम धर्म के आधार पर हिंसा के है खिलाफ

 

विदेश। UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में G20 समिट के दौरान राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी। इसके बाद बुधवार को उन्होंने गांधी के विचारों की प्रशंसा की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिलिस्तीन के मुद्दे पर सवाल का जवाब देते हुए एंटोनियो ने कहा- मैं हाल ही में भारत से आया हूं, वहां मैंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। हमें गांधी की शिक्षा और उदाहरण नहीं भूलना चाहिए।

फिलिस्तीन और इजराइल के बीच सीमा विवाद और धर्म के मुद्दों पर अक्सर हिंसा होती है। इसे लेकर गुटेरेस ने कहा- हमें फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों को पहचानना चाहिए। अगर कोई देश इसे कमजोर करने की कोशिश करे तो उसकी निंदा होनी चाहिए। हिंसा से फिलिस्तीन अपने अधिकारों की रक्षा नहीं कर पाएंगे।

 

 

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने एंटोनियो से भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा पर मोदी के साथ कुछ बातचीत होने का सवाल पूछा। इसके जवाब में एंटोनियो ने कहा- मेरी प्रधानमंत्री मोदी के साथ किसी भी प्रकार की मीटिंग नहीं हुई, लेकिन हमारा पक्ष साफ है, धर्म के आधार पर हो रही हिंसा से ह्यूमन राइट्स का नुकसान होता है। हम इसके खिलाफ हैं।

इससे पहले G20 समिट में बापू को श्रद्धांजलि देते वक्त ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा भावुक हो गए थे। कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा था- महात्मा गांधी को नमन करना मेरे लिए इमोशनल मोमेंट था। सब जानते हैं कि मेरे राजनीतिक जीवन में उनकी क्या अहमियत है। लेबर मूवमेंट के वक्त सदियों तक वो मेरे आदर्श रहे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि भारत-US के रिश्ते गांधी के आदर्शों पर निर्भर हैं।

 

 

भारत में हाल ही में हुए G20 समिट में दुनिया भर के कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और UN जनरल एंटोनियो गुटेरेस डिप्लोमैट के रूप में आए थे।

G20 समिट के दूसरे दिन सभी देशों के प्रतिनिधियों ने राजघाट पर जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी थी। इसके पहले 2018 में महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन पर एंटोनियो भारत में आए थे। उन्होंने तब भी राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी थी।

 

 

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