राजस्थान के 47 जिलों में नहीं मिल रहा पेट्रोल-डीजल, तीन शहरों में हड़ताल बेअसर; पेट्रोलियम कंपनी के 60 पंप खुले

 

राजस्थान के 50 में से 47 जिलों में आज सुबह से पेट्रोल-डीजल मिलना बंद हो गया है। वैट घटाने की मांग नहीं मानने पर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है।

हालांकि, अलवर, कोटा, जैसलमेर, चित्तौडगढ़ और जोधपुर शहर के करीब 500 से ज्यादा पंप इस हड़ताल से अलग-अलग कारणों से बाहर हो गए हैं।

वहीं, प्रदेश में कंपनी संचालित 60 पंप भी काम कर रहे हैं। वहीं, सरकार ने भी पेट्रोल पंप एसोसिएशन से उनकी मांगों पर बातचीत शुरू कर दी है। खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं।

 

 

इससे पहले बुधवार और गुरुवार को भी 8-8 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की गई थी। इस दौरान प्रदेश के करीब 7 हजार पंप बंद रहे थे।

प्रदेश के सभी पंपों पर पेट्रोल, डीजल व सीएनजी- एलपीजी की सप्लाई नहीं होगी। पंप मालिकों ने वैट कम करने की मांग रखी थी, लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। सरकार के किसी भी प्रतिनिधी ने डीलर्स से संपर्क नहीं किया।

वहीं, कंपनियों द्वारा संचालित प्रदेशभर के 60 पंपों पर पेट्रोल व डीजल की बिक्री की जा रही है। इनमें जयपुर के भी 8 कोको पंप शामिल हैं। हड़ताल से प्रदेश के करीब से 6500 पंप बंद हैं।

 

 

 

राजस्थान के पेट्रोल डीलर्स पड़ोसी राज्य पंजाब के समान वेट लागू करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि पंजाब व राजस्थान के बीच पेट्रोल के दामों में प्रति लीटर 11.52 रुपए का अंतर है। इसी तरह डीजल में करीब 6.43 रुपए का अंतर है। इससे लगातार प्रदेश में बिक्री घट रही है।

राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसो. की पेट्रोल पंप हड़ताल का जोधपुर शहर में असर दिखाई नहीं दे रहा। संभागीय अध्यक्ष गोपालसिंह रूदिया ने कहा कि शहर के 74 पेट्रोल पंप खुले रहेंगे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के पंप बंद है।

 

 

कोटा जिले में सभी पेट्रोल पंप खुले हुए हैं। कोटा पेट्रोल डीजल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुमित सिंह बेदी ने कहा जिले के सभी 250 पंप पर बिक्री चालू है। कल प्रतिनिधिमंडल मंत्री से मिला था, जहां आश्वासन के बाद जनता के हित को देखते हुए फिलहाल हड़ताल टाली है।

इसी तरह जैसलमेर शहर 58 पेट्रोल पंप खुले हैं। शहर के पेट्रोल पंप मालिक ना तो सांकेतिक हड़ताल में शामिल हुए और ना ही सम्पूर्ण बन्द में। पंप ऑपरेटर का कहना है कि रेगिस्तानी इलाका होने की वजह से जिले में पंप कम है। काफी दूर से लोग पेट्रोल भरवाने आते हैं। उन्हें परेशानी न हो इसलिए ये निर्णय लिया गया है।

 

 

 

वहीं चित्तौड़गढ़ शहर में भी 12 पंप में से महज 4 से 5 बंद है, जबकि बाकी पर बिक्री चालू है। चित्तौड़गढ़ फीलिंग स्टेशन भारत पेट्रोलियम डीलर के संचालक सत्यनारायण नंदवाना ने बताया कि पब्लिक की जरूरत को समझते हुए खोला रखा गया। दो दिन साथ दिया है लेकिन कई लोग ऐसे थे जो बहुत जरूरतमंद थे।

कॉलेज स्कूल के बच्चों को भी इसकी जरूरत होती है। कुछ लोग मरीजों को बाइक पर लेकर जा रहे थे लेकिन उन्हें भी नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते पहले की गई मीटिंग में वेट के मुद्दे को नहीं लेने का कहा था। इसका समर्थन नहीं किया लेकिन यूनियन का मानते हुए सांकेतिक बंद रखा।

 

 

 

टोंक जिले में भी इसका मिलाजुला असर देखने को मिला। यहां 154 पेट्रोल पंप है। इनमें से करीब 130 से ज्यादा पंप ही बंद रहे। प्राइवेट कंपनी के पंप ऑपरेटर इस हड़ताल में शामिल नहीं थे। शुक्रवार को भी स्थानीय एसोसिएशन की ओर से मनाने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं माने।

वहीं, अलवर में भी ऑपरेटर्स ने सांकेतिक हड़ताल के दौैरान भी पंप चालू रखे थे। जिला एसोसिएशन का कहना है कि वैट के अलावा जीएसटी में शामिल करने और कमीशन बढ़ाने की मांग होती तो वे इस हड़ताल का समर्थन करते। जो एसोसिएशन की ओर से रखी मांग से भी बड़ी है। ऐसे में वे इस हड़ताल का समर्थन नहीं कर रहे हैं। अलवर के सभी 194 पंप काम कर रहे हैं।

 

 

 

इधर, पेट्रोल और डीजल नहीं मिलने से कई वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा। जयपुर नेशनल हाईवे पर एक बार के लिए कॉमर्शियल वाहनों के पहिए तक थम गए हैं। मिन्नतें करने के बाद भी पेट्रोल पंप संचालक बिक्री नहीं कर रहे हैं। वहीं सवाई माधोपुर में एसआर कंपनी के पंप चालू होने से वाहन चालकों की भीड़ लग गई है। सुबह से वहां वाहनों की लंबी लाइन लगी हुई है।

इस हड़ताल के चलते सीकर जिले के करीब 200 पेट्रोल पंप बंद है। पेट्रोल पंप पर बंद होने के चलते हैं आमजन को खासी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। सीकर निवासी राजेन्द्र झुरिया ने बताया कि वह किसी जरूरी काम से जयपुर जाना वाला था l लेकिन जब वह पेट्रोल पंप पर डीजल डलवाने के लिए आया तो पंप पर डीजल नहीं मिला l अब वह जयपुर नहीं जा पाएगा l राजेन्द्र ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द डीजल पेट्रोल की व्यवस्था करे ताकि आमजन को परेशानी ना हो l

 

 

 

भरतपुर में 182 पेट्रोल पंप बंद हैं। वहीं जिले में 21 पेट्रोल पंप ऐसे हैं, जो 5 साल पहले ही बंद हो चुके हैं। इसी तरह पाली जिले में भी हड़ताल का असर देखने को मिला। जिले में करीब 242 पंप है जाे बंद है। कोको के 3 पंप है जो 2 सांडेराव और 1 पाली-जोधपुर बाइपास पर है।

राजस्थान में वैट ज्यादा होने से ट्रक व बस संचालक वाहनों से पड़ोसी राज्यों पंजाब, यूपी, हरियाणा, गुजरात व दिल्ली से ईंधन भरवाकर लाते है। इससे राज्य के 25 जिले सोधी तौर पर प्रभावित हैं। गंगानगर और हनुमानगढ़ जैसे इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब है। पंजाब से सटे होने के कारण हनुमानगढ़, गंगानगर में पेट्रोल-डीजल की तस्करी भी हो रही है। इसी वजह से पिछले चार सालों में 270 पेट्रोल पंप बंद हो चुके और कई अन्य भी बंद होने की कगार पर हैं।

 

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.