पाकिस्तान एयरलाइन की उड़ानें हुई रद्द, कामकाज के लिए तुरंत 636 करोड़ की जरूरत; 20 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज

 

विदेश। आर्थिक तंगहाली के बीच पाकिस्तान की राष्ट्रीय विमानन सेवा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (PIA) का काम ठप होने की कगार पर है। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस को लीज पर लिए गए 13 में से 5 विमानों की उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। 4 और विमानों के साथ भी ऐसा होने की संभावनाएं हैं।

PIA को ठीक तरीके से चला पाने के लिए 23 बिलियन पाकिस्तानी रुपए यानी 636 करोड़ रुपए की तुरंत जरूरत है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कई खाड़ी देशों में भी ईंधन का भुगतान न किए जाने की वजह से PIA के विमानों को उड़ने से रोक दिया गया है। PIA पर 20 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया है, जो उसकी कुल संपत्ति से 5 गुना ज्यादा है।

 

 

पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट जियो न्यूज के मुताबिक PIA के डायरेक्टर ने कहा है कि अगर इमरजेंसी फंड सही समय पर नहीं दिया गया तो 15 सितंबर तक एयरलाइन की सारी उड़ानें रद्द करनी पड़ेंगी। पिछले सप्ताह PIA ने बताया था कि बोइंग और एयरबस सितंबर के मध्य तक विमानों के कल-पुर्ज़ों की सप्लाई पर रोक लगा सकती है। कारण ये था कि PIA इन कंपनियों को पिछले बकाए का भुगतान भी नहीं किया है। पाकिस्तान टुडे के मुताहबिक ईंधन के लिए भुगतान न कर पाने की वजह से ही PIA की उड़ानें सऊदी और दुबई के हवाई अड्डों पर रोक दी गई थी।

हालांकि, जब PIA ने लिखित तौर पर भुगतान करने का आश्वासन तब इन उड़ानों को जाने दिया गया। अधिकारी ने बताया कि इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (ITA) ने 35 लाख डॉलर की इमरजेंसी पेमेंट मिलने के बाद PIA की उड़ानें बहाल की।

 

 

इसी साल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंज़ूरी मिलने के बाद वो डिफॉल्टर होने से बचा है। आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान ने इस्लामाबाद एयरपोर्ट को ठेके पर देने का फैसला कर चुका है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर ख्वाजा साद रफीक ने संसद में इसकी जानकारी दी थी।

उन्होंने कहा था- एयरपोर्ट के ऑपरेशन को बेहतर करने के लिए इसे 15 साल के लिए प्राइवेट कंपनियों को ठेके पर दिया जाएगा। साद रफीक ने ये साफ किया है कि इसका मतलब ये नहीं है कि सरकार एयरपोर्ट को बेच रही है, बल्कि अच्छे ऑपरेटर को एयरपोर्ट के काम में शामिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

 

 

 

पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े कराची पोर्ट को लेकर UAE के साथ एक कंसेशन एग्रीमेंट साइन किया है। पाकिस्तान सरकार ने बिजली की रफ्तार से महज 4 दिनों में ये डील फाइनल की। ये डील 50 साल के लिए हुई है। इसके तहत UAE की दो कंपनियां 1.8 हजार करोड़ रुपए निवेश करेंगी। माना जा रहा है कि इमरजेंसी फंड जुटाने के लिए पाकिस्तान की ये एक कवायद है।

कराची पोर्ट साउथ एशिया के सबसे बड़े पोर्ट में से एक है। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा और बिजी पोर्ट भी है। ये बंदरगाह करीब साढ़े 11 किलोमीटर लंबा है। यहां कुल 33 बर्थ हैं, जिसमें 30 ड्राई कार्गो और 3 लिक्विड कार्गो बर्थ हैं। बर्थ का मतलब उस प्लेटफॉर्म से है, जहां जहाज को खड़ा किया जाता है।

 

 

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