हमीरपुर।नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज में शनिवार को विश्वकर्मा जयन्ती के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रामप्रकाश गुप्ता ने कहा कि विश्वकर्मा पूजा दिवस हर साल 17 सितम्बर को ग्रेगोरियन तिथि को मनाई जाती है। यह उत्सव प्रायः कारखानो एवं औद्योगिक क्षेत्रो मे मनाया जाता है। विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता तथा देवताओ का वास्तुकार माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओ के अस्त्र, शस्त्र, भवन, पुष्पक विमान और स्वर्गलोक का निर्माण किया। आचार्य रमेश शुक्ल ने कहा कि पौराणिक ग्रन्थो के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ब्रहमा के मानस पुत्र है। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से इंजीनियर, मिस्त्री, वेल्डर, बढ़ई जैसे लोग अधिक कुशल बनते है। इनके अन्दर शिल्प कला का विकास होता है। धार्मिक मान्यता के आधार पर भगवान विश्वकर्मा संसार के पहले बड़े इंजीनियर है। प्रवक्ता शिवनाथ ने ओजोन दिवस पर बोलते हुए कहा कि यह दिन दुनिया के हर प्राणी के लिये बहुत खास हो जाता है यह दिवस हर साल 16 सितम्बर को पूरे विश्व मे मनाया जाता है। ओजोन परत आकाश में एक ढ़ाल की तरह है। जो हमे सूर्य की हानिकारक किरणो से सुरक्षित रखती है। सयंुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 19 दिसम्बर 1994 को हर साल 16 सितम्बर को ओजोन दिवस- ओजोन परत के संरक्षण हेतु अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रुप मे घोषित किया गया है। ओजोन एक परत का नाम है जो सूर्य से आने वाले पराबैंगनी किरणो को पृथ्वी पर आक्रमण करने से रोकने का काम करती है। इस अवसर छात्र आशुतोष ने भी ओजोन दिवस पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन संगीताचार्य ज्ञानेश जड़िया ने किया। आभार प्रदर्शन सर्वव्यवस्था प्रमुख कमलकान्त मिश्र ने किया। अन्त मे कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी आचार्य वेदप्रकाश शुक्ला ने दिया।