ईरान ने 5 अमेरिकी कैदियों को किया रिहा, बदले में अमेरिका ने ईरान के 49 हजार करोड़ रुपए रिलीज किए

 

ईरान ने के साथ डील के तहत उनके 5 कैदियों को रिहा कर दिया है। पांचों अमेरिकी कतर की राजधानी दोहा से वॉशिंगटन के लिए रवाना हो गए हैं। राष्ट्रपति बाइडेन के सोमवार को कहा- 5 बेकसूर अमेरिकी आखिरकार अपने घर लौट रहे हैं। इन सभी ने कई सालों तक दर्द झेला है।

इसी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि US ने ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और ईरानी खुफिया मंत्रालय पर गलत तरीके से अमेरिकी नागरिकों को हिरासत में लेने के मामले में नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने अपने नागरिकों की रिहाई के बदले साउथ कोरिया में सीज किए गए ईरान के 49 हजार करोड़ रुपए रिलीज किए हैं।

 

 

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, 49 हजार करोड़ रुपए सीधे ईरान को नहीं दिए गए। इन्हें दोहा के सेंट्रल बैंक में ट्रांसफर किया गया है। रिहा हुए कैदियों में से एक सियामक नमाजी ने कहा- मैं आज आप सबकी वजह से आजाद हूं। आपने दुनिया को मुझे भूलने नहीं दिया। नमाजी ने राष्ट्रपति बाइडेन को भी अमेरिकियों की जिंदगी को राजनीति से ऊपर रखने के लिए धन्यवाद कहा।

ईरान ने जिन अमेरिकियों को आजाद किया है उनमें 51 साल के बिजनेसमैन सियामक नमाजी के अलावा, बिजनेसमैन एमाद शार्गी, इनवायरमेंटलिस्ट मोराद ताहबाज शामिल हैं। ये सभी 5 साल से ज्यादा समय से ईरान की एविन जेल में बंद थे। अमेरिका ने लगातार इन लोगों की गिरफ्तारी को बेबुनियाद बताया था।

 

 

कतर ने ईरान और अमेरिका में समझौता कराने के लिए फरवरी में पहल की थी। BBC के मुताबिक, डील से पहले दोनों देशों में करीब 9 राउंड की बातचीत हुई। इसके बाद करीब 1 महीने पहले इस डील की घोषणा हुई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डील के तहत ईरान ने अपनी कुख्यात एविन जेल से अमेरिकियों को निकालकर उन्हें एक होटल में शिफ्ट किया था।

2015 में ईरान ने चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका के साथ एक परमाणु समझौता किया। ये समझौता इसलिए हुआ क्योंकि पश्चिम देशों को डर था कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है या फिर वो ऐसा देश बन सकता है जिसके पास परमाणु हथियार भले ही ना हों, लेकिन उन्हें बनाने की सारी क्षमताएं हों और कभी भी उनका इस्तेमाल कर सके।

 

 

 

ईरान के साथ परमाणु समझौता कर न्यूक्लियर कैपिसिटी बढ़ाने के उसके शोध कार्यक्रम को काफी नियंत्रित किया गया। ईरान को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर जोर देने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के जरिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लाया गया। इसके बदले परमाणु कार्यक्रम के चलते ईरान के पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाए गए।

हालांकि, 8 मई 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका को ईरान न्यूक्लियर डील समझौते से बाहर कर लिया। अमेरिका ने 2019 से ईरान पर फिर प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए थे।

 

 

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक ईरान ने होर्मुज पास में कई सौ बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं। जो एक के बाद एक लगातार कई टारगेट पर हमला कर सकती हैं। होर्मुज पास वो इलाका है जहां से दुनिया का 20% तेल गुजरता है।

यहां ईरान से तनातनी के बाद अमेरिका ने तेजी से इसैनिकों और हथियारों की तैनाती की है।अमेरिका ने अपना A-10 थंडरबोल्ट 2 वॉरप्लेन, F-16 और F-35 फाइटर जेट तैनात किए हैं। इसके अलावा 3,000 सैनिक और अमेरिका के कई युद्धपोत भी इस इलाके में मौजूद हैं। इसके जवाब में ईरान ने होर्मुज पास में तैनात अपनी नेवी को ड्रोन और हजार किलोमीटर दूर तक वार करने वाली मिसाइलें दी हैं।

 

 

 

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